ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन प्रदोष व्रत बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर माह में दो बार आता है। अभी फाल्गुन मास चल रहा है और इस माह पड़ने वाला प्रदोष व्रत इस माह का दूसरा प्रदोष व्रत है जो कि शिव साधना को समर्पित होता है।
इस दौरान भक्त भगवान शिव की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है साथ ही कष्ट भी दूर हो जाते हैं ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि फाल्गुन मास का दूसरा प्रदोष व्रत कब किया जाएगा तो आइए जानते हैं।
प्रदोष व्रत की तारीख—
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है और यह तिथि 22 मार्च दिन शुक्रवार को सुबह 8 बजकर 21 मिनट से आरंभ हो रही है और इसका समापन 23 मार्च की सुबह 6 बजकर 11 मिनट पर हो जाएगा। वही उदया तिथि के अनुसार इस बार का दूसरा प्रदोष व्रत 22 मार्च दिन शुक्रवार यानी की कल किया जाएगा। इस दिन भक्त दिनभर का उपवास रखते हैं और भगवान शिव व माता पार्वती की विधिवत पूजा अर्चना भी करते हैं।
आपको बता दें कि शुक्र प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद घर की साफ सफाई करके पूजन स्थल को पवित्र करें और गंगाजल का छिड़काव करके एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद भगवान की विधिवत पूजा करें और व्रत का संकल्प करें।