शनि का 30 साल बाद स्वराशि कुंभ में प्रवेश

शनि वर्तमान में मकर राशि में हैं और यह 2022 में अपनी स्वराशि कुंभ में गोचर करेंगे। शनि राशि परिवर्तन का प्रभाव सबसे ज्यादा तीन राशियों पर पड़ेगा।

Update: 2021-12-27 03:55 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष शास्त्र में शनि गोचर को महत्वपूर्ण माना गया है। शनि जिस व्यक्ति पर अपनी कृपा दृष्टि रखते हैं, उसका जीवन खुशियों से भर जाता है। शनि की टेढ़ी नजर जातक का भंडार खाली करा सकता है। शनि के राशि परिवर्तन का असर मेष से लेकर मीन राशि तक के जातकों पर पड़ता है। शनि को ज्योतिष में सबसे धीमी गति का ग्रह माना गया है। शनि हर ढाई साल में राशि परिवर्तन करते हैं। शनि वर्तमान में मकर राशि में हैं और यह 2022 में अपनी स्वराशि कुंभ में गोचर करेंगे। शनि राशि परिवर्तन का प्रभाव सबसे ज्यादा तीन राशियों पर पड़ेगा।

शनि का राशि परिवर्तन कब होगा-
शनि 29 अप्रैल 2022 को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि को 12 राशियों का एक चक्र पूरा करने में 30 साल का समय लगता है। शनि कुंभ राशि के स्वामी ग्रह हैं।
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शनि की साढ़े साती-
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, साल 2022 में शनि के कुंभ राशि में गोचर करते ही धनु राशि के जातक शनि की साढ़े साती से मुक्त हो जाएंगे। जबकि कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण और मकर राशि वालों पर आखिरी चरण प्रारंभ होगा।
शनि ढैय्या-
साल 2022 में कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरू होगी। इसलिए इन दो राशियों के जातकों को संभलकर रहने की आवश्यकता है। इसके अलावा मिथुन, तुला राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।


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