नीलम रत्न दिलाता शनि के प्रकोप से मुक्ति, आर्थिक संपन्नता के लिए धारण किया जाता है हीरा

कई बार इन रत्नों का असर खतरनाक भी होता है. आइए जानते हैं कि किन 2 रत्नों को धारण करते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए.

Update: 2022-04-03 17:58 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सभी 9 ग्रहों में अलग-अलग तरंगे पाई जाती हैं. हर इंसान के जीवन में नौ ग्रहों का विशेष महत्व है. जब कोई ग्रह अशुभ प्रभाव देना शुरू करता है तो व्यक्ति की मानसिक स्थिति गड़बड़ होने लगती है. साथ ही मन और बुद्धि का संतुलन बिगड़ जाता है. रत्न धारण करके इन्हें ठीक किया जा सकता है. लेकिन हर व्यक्ति रत्न नहीं पहन सकता, इसलिए रत्नों को सोच-समझकर धारण करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र में 2 रत्नों को सबसे अधिक शक्तिशाली माना गया है. कई बार इन रत्नों का असर खतरनाक भी होता है. आइए जानते हैं कि किन 2 रत्नों को धारण करते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए.

हीरा (Diamond)
हीरा ज्योतिष शास्त्र में हीरा को शुक्र का रत्न माना जाता है. इसको पहनने से सुख, सौंदर्य और संपन्नता की प्राप्ति होती है. यह वैवाहिक जीवन और खून पर सीधा असर डालता है. शुक्र ग्रह की शुभता और जीवन में ग्लैमर बढ़ाने में इस रत्न को धारण किया जाता है. लेकिन, इसे धारण करने में सावधानी बरतनी चाहिए. खून और मधुमेह की समस्या होने पर इस रत्न कतई धारण नहीं करना चाहिए. वहीं अगर दांपत्य जीवन में कोई समस्या है तो हीरी धारण करने से परहेज करना चाहिए. इसके अलावा दाग वाला या टूटा हुआ हीरा धारण नहीं करना चाहिए. हीरे के साथ गोमेद या मूगा धारण करने से चरित्र खराब हो सकता है.
नीलम (sapphire)
नीलम शनि का मुख्य रत्न है. शनि के प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए नीलम धारण करने की सलाह दी जाती है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इसे धारण करने में खास सावधानी बरतनी चाहिए. बिना जांच के इसे धारण करना खतरनाक हो सकता है. साथ ही गलत सलाह पर नीलम पहनने से जीवन छिन्न-भिन्न हो सकता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक नीलम धारण करने से पहले इसकी जांच करवाना बेहद जरूरी है. इसे लोहे या चांदी में धारण करना अच्छा माना गया है. सोने में धारण करना अनुकूल नहीं होता है. इस रत्न को बाएं हाथ में धारण करना चाहिए.


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