Sankashti Chaturthi 2021: कल है संकष्टी चतुर्थी व्रत, जानिए महत्व और पूजा विधि

हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष के चौथे दिन संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है

Update: 2021-11-22 17:00 GMT

Sankashti Chaturthi 2021: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष के चौथे दिन संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है और (Sankashti Chaturthi 2021 Puja Vidhi) इस दिन भगवान गणेश जी का विधि-विधान से पूजन किया जाता है. इस महीने यह चतुर्थी 23 नवंबर, मंगलवार के दिन पड़ रही है. संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत-उपवास (Sankashti Chaturthi 2021 Fast) कर भगवान गणेश जी का प्रसन्न किया जाता है. कहते हैं भगवान गणेश जी अपने भक्तों से (Sankashti Chaturthi 2021 Vrat) खुश होकर उन्हें सभी दुख हर लेते हैं और सुखमय जीवन का आशीर्वाद देते हैं. यदि आप भी संकष्टी चतुर्थी का व्रत रख रहे हैं तो आइए जानते हैं कि इसका महत्व और पूजा विधि

संकष्टी चतुर्थी का महत्व
संस्कृत भाषा में संकष्टी का अर्थ संकट या बाधा हरना होता है. इसलिए भक्तों को के बीच संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन गणेश जी का विधि-विधान से पूजन करने से सभी दुख दूर होते हैं. भगवान गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए संकष्टी चतुर्थी का दिन सबसे शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि यदि आप किसी परेशानी का सामना कर रहे हैं तो संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी का पूजन करने से सभी परेशानियां और बाधाएं दूर होती हैं. बता दें कि किसी भी पूजा या शुभ कार्य से पहले गणेश जी का पूजन किया जाता है. 
संकष्टी चतुर्थी पू​जा विधि
यदि आप भी संकष्टी चतुर्थी का व्रत कर रहे हैं तो इसकी पूजा विधि जरूर जान लें. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद मंदिर में गणेश जी की पूजा कर उन्हें जल चढ़ाएं और उनके सामने धूप—दीप प्रज्जवलित करें. ध्यान रखें कि संकष्टी चतुर्थी के दिन किसी भी रूप में चावल, गेहूं या दाल का सेवन नहीं करना चाहिए. शाम को दूर्वा घास, फूल, अगरबत्ती और दीपक से भगवान गणेश जी की पूजा करें. इसके बाद गणेश जी आरती करें और उन्हें लड्डू का भोग लगाएं. मान्यता है कि गणेश जी को लड्डू अतिप्रिय हैं और इससे उन्हें प्रसन्नता मिलती है. इसके बाद चंद्रोदय के दौरान चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलें.
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