गुप्त नवरात्रि पर शक्ति की साधना के नियम
शक्ति की साधना सभी संकटों से बचाने और सारे मनोरथ को पूरे करने वाली है। इसी शक्ति से जुड़ा महापर्व गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) 02 फरवरी 2022 से प्रारंभ हो रहा है. गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा से जुड़े जरूरी नियम जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) में शक्ति के साधक देवी दुर्गा (Devi Durga) के विभिन्न स्वरूपों की पूजा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, लेकिन देवी के प्रत्येक स्वरूप की पूजा का अलग-अलग फल प्राप्त होता है. देवी के अलग-अलग स्वरूपों की अलग-अलग पूजा पद्धति बताई गई है. ऐसे में साधक को हमेशा अपनी मनोकामना के अनुसार देवी की विशेष पूजा पद्धति को अपनाते हुए साधना करनी चाहिए. शक्ति (Shakti) के तमाम स्वरूपों को तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है – सात्विक, राजसिक और तामसिक. इसमें माता सरस्वती देवी (Goddess Saraswati) का सात्विक स्वरूप और माता लक्ष्मी (Goddess Laxmi) देवी का राजसिक और माता काली (Goddess Kali) को तामसिक स्वरूप माना जाता है. गुप्त नवरात्रि का समय देवी के इन तीनों स्वरूपों की साधना-आराधना के लिए उत्तम माना गया है. आइए गुप्त नवरात्रि पर शक्ति की साधना से जुड़े जरूरी नियम जानते हैं.