शनिवार व्रत का विधि-विधान और शनिदेव की पूजा-अर्चना
शनिवार का व्रत न्याय के देवता शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शनिवार का व्रत न्याय के देवता शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. मान्यता है कि शनिदेव कलयुग में न्याय के देवता हैं, यही वजह है कि वे सभी मनुष्यों को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. अगर अच्छे कर्म हैं तो शुभ फल और बुरे कर्म हैं तो अशुभ फल. शनि की अगर किसी पर कुदृष्टि पड़ जाए तो राजा भी रंक बन जाता है और अगर शनिदेव किसी पर प्रसन्न हो गए तो उसके जीवन के सारे संकटों को दूर कर देते हैं. शनिदेव के भक्त शनिवार के दिन व्रत कर विधि-विधान से शनिदेव की पूजा-अर्चना करते हैं. जिन जातकों की कुंडली में शनिदोष होता है वे भी शनिवार का व्रत करते हैं. अगर आप शनिवार का व्रत पहली बार कर रहे हैं तो व्रत करने के कुछ नियम जानना जरूरी हैं. वैसे शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनिवार का व्रत कभी भी शुरू किया जा सकता है, लेकिन श्रावण मास में शनिवार का व्रत शुरू करने का विशेष महत्व माना गया है.