सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते हैं लेकिन ऋषि पंचमी बेहद ही खास माना गया हैं जो कि भाद्रपद मास के शुक्ल पख की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस पावन दिन सप्तऋषि की पूजा की जाती है यह पर्व गणेश चतुर्थी के अगले दिन मनाया जाता है।
इस बार ऋषि पंचमी का त्योहार 20 सितंबर दिन बुधवार यानी की आज मनाया जा रहा है। इस दिन सप्तऋषि की पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार के पापों का नाश हो जाता है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा ऋषि पंचमी पूजन का मुहूर्त और विधि की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
ऋषि पंचमी का शुभ समय—
पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का आरंभ 19 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 43 मिनट से हो चुका है। अब इस तिथि का समापन 20 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 16 मिनट पर हो जाएगा। 20 सितंबर को सप्त ऋषियों की पूजा का उत्तम मुहूर्त सुबह 11 बजकर 1 मिनट से दोपहर 1 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। पूजा की कुल अवधि 2 घंटे 27 मिनट की है।
ऋषि पंचमी पूजा मुहूर्त—
आपको बता दें कि आज के दिन महिलाओं को सुबह उठकर स्नान करना चाहिए इसके बाद पूजा स्थल पर गोबर से लेपन करें और चौकोर मंडल बनाकर उस पर सप्त ऋषि बनाएं। फिर दूध, दही, घी, शहद और जल से सप्त ऋषि का अभिषेक करें। रोली, चावल, धूप, दीपक से पूजन करें। पूजा करते वक्त इस मंत्र का जाप जरूर करें। कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोय गौतम:।जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषय: स्मृता:।। गृह्णन्त्वर्ध्य मया दत्तं तुष्टा भवत मे सदा।। इसके अलावा भूल चूक के लिए क्षमा मांगे। इसके बाद कथा सुनकर घी से होम करें। इस दिन किसी गरीब को केला, घी, चीनी दान करें। फिर दक्षिण दें। ऐसा करने से पूजा का फल मिलता है।