कुंडली में सूर्य ग्रह की शुभता पाने का उपाय
ज्योतिष में सूर्य को 09 ग्रहों में राजा माना गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| ज्योतिष में सूर्य को 09 ग्रहों में राजा माना गया है. पूरे विश्व को प्रकाशित करने वाले सूर्य देव को का एक नाम सविता भी है, जिसका अर्थ है सृष्टि करने वाला. ज्योतिष के अनुसार सिंह राशि के स्वामी सूर्यदेव की महादशा छह साल ही की होती है. मान्यता है कि यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत स्थिति में होता है तो समाज में खूब नाम कमाता है और अपने व्यक्तित्व के आकर्षण से सभी को आसानी से आकर्षित कर लेता है. उसमें सूर्य के समान ही तेज बना रहता है. कुंडली में सूर्य के मजबूत होने पर व्यक्ति आत्मविश्वास भरा होता है और से सत्ता-प्रतिष्ठान आदि से खूब सहयोग और लाभ मिलता है.
कुंडली में सूर्य के कमजोर होने पर
ज्योतिष के अनुसार जिस जातक की कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर होता है, उसे जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उस व्यक्ति विशेष को महत्वपूर्ण पद और राज्य संबंधी सभी कार्य जैसे न्याय, राजदूत, राज्याध्यक्ष आदि पदों और स्वर्ण का व्यापार अादि में बड़ी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। कुंडली में सूर्य के कमजोर होने पर सेहत पर भी असर पड़ता है. कुंडली में सूर्य के अशुभ होने पर अक्सर लोगों को नेत्र और हड्डियों से जुड़ी दिक्कतें आती हैं. ऐसे जातक को अक्सर निर्णय लेने में दिक्कत आती है. वह किसी भी छोटे-बड़े निर्णय लेने को लेकर अक्सर असमंजस में रहता है. उसमें आलस्य बना रहता है. कुंडली में सूर्य से संबंधित दोष होने पर जातक के मान–प्रतिष्ठा का क्षय होता है. पिता की सेहत खराब रहती है या फिर पिता के साथ हमेशाा खटपट बनी रहती है।
सूर्य की शुभता पाने का महाउपाय
यदि आपको लगता है कि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर होकर अशुभ फल दे रहा है तो आप उसे मजबूत बनाने के लिए निन्म उपाय कर सकते हैं –
प्रतिदिन सूर्योदय के समय स्नान करके तांबे के लोटे से अघ्र्य दें.
यदि सूर्योदय के समय किसी कारण से नहीं उठ पाते हैं तो तांबे के लोटे में रोली डालकर दोपहर होने से पहले सूर्य को श्रद्धा के साथ अघ्र्य जरूर दें.
प्रतदिन सूर्य को अघ्र्य देने के बाद आदित्य हृदय स्तोत्र का तीन बार पाठ करें.
सूर्य को मजबूत बनाने के लिए नमक का सेवन थोड़ा कम कर दें.
सूर्य ग्रह की शुभता पाने के लिए हाथ में तांबे का कड़ा धारण करें.
सूर्य की शुभता पाना चाहते हैं तो अपने पिता का आदर करें और उन्हें हमेशा प्रसन्न रखें.