भाई दूज पर भाई को तिलक करते वक्त पढ़ें ये मंत्र
दिवाली के पांच दिवसीय त्योहार के आखिरी दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिवाली के पांच दिवसीय त्योहार के आखिरी दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. यह त्योहार रक्षाबंधन की तरह ही होता है. इस बार भाईदूज कल मनाया जाएगा. परंपरा के अनुसार इस दिन भाइयों का अपनी बहनों के घर जाना और बहनों के हाथ से तिलक करवाकर उनके हाथ का भोजन करना बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं. कहा जाता है कि ऐसा करने से उन भाइयों-बहनों को जीवन भर यम का भय नहीं रहता है. भाई दूज के दिन पूजा सामग्री में कुछ चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए. आइए जानते हैं कौन सी हैं वो चीजें और तिलक करते वक्त पढ़ें कौन सा मंत्र.
भाई दूज पर भाई को तिलक करने का शुभ मुहूर्त
भाई दूज का त्योहार कल मनाया जाएगा. इस दिन शुभ मुहुर्त में ही तिलक करना चाहिए. भाई दूज के दिन तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 3 बजकर 21 मिनट तक रहेगा.
भाई दूज पर पूजा सामग्री लिस्ट
भाई दूज के दिन पूजा सामग्री में कुछ चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए. इसमें आरती की थाली, टीका, चावल, नारियल, सूखा नारियल, मिठाई, कलावा, दीया, धूप और रुमाल जरूर रखें.
रोली या हल्दी पाउडर
भाई दूज पर बहनें सबसे पहले भाइयों को तिलक लगाती हैं. ऐसे में तिलक लगाने के लिए रोली का होना बहुत जरूरी है. रोली के स्थान पर हल्दी पाउडर से भी तिलक लगाया जा सकता है. भाईदूज के दिन पूजा थाली में रोली जरूर रखें.
अक्षत (साबूत चावल)
तिलक लगाने के बाद माथे पर चावल भी लगाया जाता है. इसको अक्षत भी कहते हैं. ध्यान रहें कि चावल टूटा हुआ नहीं होना चाहिए. भाईदूज के दिन पूजा की थाली में चावल जरूर रखें.
आरती के लिए दीपक
भाईदूज के दिन बहनें अपने भाईयों की आरती भी उतराती हैं. आरती उतारने के लिए पूजा की थाली में दीपक का होना जरूरी है. इस लिए इसके बिना भाईदूज अधूरा माना जाता है.
मिठाई
भाईदूज के पावन पर्व में बहनें भाई को मिठाई खिलाती हैं. इसलिए पूजा की थाली में मिठाई का होना जरूरी होता है.
भाईदूज पर भाई को तिलक करते समय पढ़ें ये मंत्र
भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं और साथ ही भगवान से भाई के जीवन में मांगती हैं. इस दिन पूजा के दौरान मंत्र भी पढ़ा जाता है.
ये है मंत्र- 'गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े.