Sharadiya Navratri के दूसरे दिन पढ़ें ये व्रत कथा, नवदुर्गा की होगी कृपा

Update: 2024-10-04 06:02 GMT
Sharadiya Navratri ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन नवरात्रि को बहुत ही खास माना गया है जो कि देवी साधना का महापर्व होता है इस दौरान भक्त देवी मां दुर्गा की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से माता रानी की कृपा बरसती है
इस साल शारदीय नवरात्रि का आरंभ 3 अक्टूबर दिन गुरुवार आरंभ हो चुका है और इसका समापन 11 अक्टूबर को हो जाएगा। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग अलग रूपों की पूजा अर्चना की जाती है और व्रत आदि भी रखा जाता है माना जाता है कि ऐसा करने से शुभ फलों में वृद्धि होती है।
नवरात्रि का दूसरा दिन आज यानी 4 अक्टूबर दिन शुक्रवार को पड़ा है जो कि मां दुर्गा के मां ब्रह्माचारिणी स्वरूप को समर्पित है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा मां ब्रह्माचारिणी की व्रत कथा के बारे में बता रहे हैं।
 मां ब्रह्माचारिणी की व्रत कथा—
पौराणिक कथा के अनुसार, मां ने शिव जी को पाने के लिए कठोर तप किया था और उनका यह रूप शैलपुत्री कहलाया था लकिन मां ने ताप के समय जिन नियमों का पालन किया और जिस प्रकार का शुद्ध एवं पवित्र आचरण इस तपस्या के दौरान निभाया उसी के कारण वह ब्रह्मचारिणी कहलाईं।
 सरल पूजा विधि—
आपको बता दें कि नवरात्रि के दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद साफ वस्त्रों को धारण करें अब घर में मौजूद देवी प्रतिमा में मां ब्रह्माचारिणी का स्वरूप स्मरण करें। माता को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद सफेद या पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें।
 मां ब्रह्माचारिणी को रोली, अक्षत, चंदन अर्पित करें अब गुड़हल या लाल पुष्प देवी को चढ़ाएं। इसके बाद माता का ध्यान कर मंत्रों का जाप करें। विधि विधान से देवी साधना करें इसके बाद मां ब्रह्माचारिणी की आरती उतारें और भोग लगाएं। फिर नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करें।
 
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