गुरु प्रदोष व्रत की पूजा में पढ़ें ये आरती, शिव होंगे प्रसन्न

Update: 2023-06-01 06:43 GMT
सनातन धर्म में शिव आराधना के लिए कई व्रत त्योहार समर्पित हैं जिनमें से एक हैं प्रदोष व्रत, जो कि हर माह में पड़ता हैं इस दिन भक्त भगवान शिव शंकर को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ करने से भगवान भोलेनाथ की कृपा भक्तों पर बरसती हैं इस बार ज्येष्ठ माह का प्रदोष व्रत कल यानी 1 जून दिन गुरुवार को रखा जाएगा।
जो कि गुरु प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा हैं इस दिन शिव आराधना प्रदोष काल में करना उत्तम होता हैं ऐसे में अगर आप भगवान की पूजा कर रहे हैं तो उनकी प्रिय आरती का पाठ जरूर करें। मान्यता है कि शिव पूजा में उनकी आरती पढ़नें से भगवान अतिशीघ्र प्रसन्न होकर अपनी कृपा करते हैं और व्रत पूजन का पूर्ण फल भी मिलता हैं।
भोलेनाथ की आरती—
काल की विकराल की,
त्रिलोकेश्वर त्रिकाल की,
भोले शिव कृपाल की,
करो रे मंगल आरती मृत्युंजय महाकाल की,
बाबा महाकाल की,
ओ मेरे महाकाल की,
करो रे मंगल आरती मृत्युंजय महाकाल की । (2)
पित पुष्प बाघम्बर धारी,
नंदी तेरी सवारी,
पित पुष्प बाघम्बर धारी,
नंदी तेरी सवारी,
त्रिपुंडधारी हे त्रिपुरारी,
भोले भव भयहारी,
शम्भू दिन दयाल की,
तीन लोक दिगपाल की,
कैलाषी शशिभाल की,
करो रे मंगल आरती मृत्युंजय महाकाल की । (2)
डमरू बाजे डम डम डम,
नाचे शंकर भोला,
डमरू बाजे डम डम डम,
नाचे शंकर भोला,
बम भोले शिव बमबम बमबम,
चढ़ा भंग का गोला,
जय जय ह्रदय विशाल की,
आशुतोष प्रतिपाल की,
नैना धक धक ज्वाल की,
करो रे मंगल आरती मृत्युंजय महाकाल की । (2)
आरत हारी पालनहारी,
तू है मंगलकारी,
आरत हारी पालनहारी,
तू है मंगलकारी,
मंगल आरती करे नर नारी,
पाएं पदारथ चारि,
कालरूप महाकाल की,
कृपासिंधु महाकाल की,
उज्जैनी महाकाल की,
करो रे मंगल आरती मृत्युंजय महाकाल की । (2)
काल की विकराल की,
त्रिलोकेश्वर त्रिकाल की,
भोले शिव कृपाल की,
करो रे मंगल आरती,
मृत्युंजय महाकाल की,
करो रे मंगल आरती,
मृत्युंजय महाकाल की,
बाबा महाकाल की,
ओ मेरे महाकाल की,
करो रे मंगल आरती मृत्युंजय महाकाल की । (2)
इति श्री महाकाल की आरती ||
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