सनातन धर्म में जिस तरह सावन में पड़ने वाले सोमवार को शिव पूजा के लिए उत्तम माना जाता हैं ठीक उसी प्रकार से सावन के महीने में पड़ने वाले मंगलवार का भी अपना महत्व होता हैं जो कि माता पार्वती की पूजा आराधना को समर्पित होता हैं इस दौरान भक्त देवी मां की विधि विधान से पूजा करते हैं और दिनभर का उपवास रखते हैं सावन में पड़ने वाले मंगलवार को मंगला गौरी व्रत के नाम से जाना जाता हैं।
आज यानी 25 जुलाई को सावन का चौथा मंगला गौरी व्रत है जो शादीशुदा और कुंवारी कन्याओं के लिए बेहद खास दिन माना जाता हैं इस दिन महिलाएं माता पार्वत और भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा करती हैं और उपवास रखकर सुखी वैवाहिक जीवन और मनचाहा जीवनसाथी पाने की कामना करती हैं ऐसे में अगर आप भी आज के दिन व्रत पूजन कर रहे हैं तो देवी मां की आरती जरूर पढ़ें तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं माता पार्वती की आरती।
मां पार्वती की आरती—
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता,
ब्रह्मा सनातन देवी, शुभ फल की दाता !!
जय पार्वती माता…!!
अरिकुल कंटक नासनि, निज सेवक त्राता,
जगजननी जगदम्बा, हरिहर गुण गाता !!
जय पार्वती माता…!!
सिंह को वहान साजे, कुंडल है साथा,
देव वधू जस गावत, नृत्य करत ता था !!
जय पार्वती माता…!!
सतयुग रूप शील अतिसुंदर, नाम सती कहलाता,
हेमाचंल घर जन्मी, सखियाँ संगराता !!
जय पार्वती माता…!!
शुम्भ निशुम्भ विदारे, हेमाचंल स्थाता,
सहस्त्र भुजा तनु धरिके, चक्र लियो हाथा !!
जय पार्वती माता…!!
सृष्टि रूप तुही है जननी, शिव संग रंगराता,
नन्दी भृंगी बीन लही, सारा जग मदमाता !!
जय पार्वती माता…!!
देवन अरज करत हम, चरण ध्यान लाता,
तेरी कृपा रहे तो, मन नहीं भरमाता !!
जय पार्वती माता…!!
मैया जी की आरती, भक्ति भाव से जो नर गाता,
नित्य सुखी रह करके, सुख संपत्ति पाता !!
जय पार्वती माता…!!
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता,
ब्रह्मा सनातन देवी, शुभ फल की दाता !!
जय पार्वती माता…!!
!! पार्वती माता की आरती लिरिक्स !!