हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा अर्चना को समर्पित किया गया हैं वही शुक्रवार का दिन देवी आराधना के लिए खास माना जाता हैं इस दिन भक्त धन, वैभव और सुख समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि शुक्रवार के दिन लक्ष्मी साधना साधक को उत्तम फल प्रदान करती हैं।
ऐसे में हर कोई आज के दिन देवी मां की पूजा पाठ और व्रत करता हैं लेकिन किसी भी देवी देवता की पूजा बिना आरती के पूर्ण नहीं मानी जाती हैं और ना ही व्रत पूजन का कोई फल मिलता हैं। ऐसे में अगर आप आज के दिन लक्ष्मी साधना कर रहे हैं तो देवी मां लक्ष्मी की आरती जरूर पढ़ें। मान्यता है कि आज के दिन महालक्ष्मी की आरती पढ़ने से देवी मां शीघ्र प्रसन्न होकर कृपा करती हैं और सुख समृद्धि व धन प्राप्ति का आशीर्वाद प्रदान करती हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं मां लक्ष्मी की आरती।
श्री मां लक्ष्मी आरती-
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥
पद्मालये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।
सर्वभूत हितार्थाय,
वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥