बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर पढ़ें महात्मा बुद्ध के ये अनमोल वचन

बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान गौतम बुद्ध हैं, जिनकी जयंती वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को होती है।

Update: 2022-05-16 06:03 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान गौतम बुद्ध हैं, जिनकी जयंती वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को होती है। इस साल यह तिथि 16मई को यानी आज है। आज ही के दिन भगवान बुद्ध का जन्म कपिलवस्तु के पास लुम्बिनी में हुआ था। भगवान गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था। गौतम बचपन सर ही निर्मल स्वभाव के थे। यही कारण हैं कि बचपन मे ही उन्होंने घर छोड़ दिया था और संन्यासी का जीवन जीने लगे थे। 27 वर्ष की उम्र में गौतम बुद्ध संन्यासी बन गए। भगवान बुद्ध ने ही बौद्ध धर्म की स्थापना की थी और अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया। बुद्ध पूर्णिमा के दिन बौद्ध धर्म में आस्था रखने वाले अपने घरों में दीपक जलाते हैं और ग्रंथों का पाठ कर गौतम बुद्ध के बताए हुए रास्ते पर चलने की कसम खाते हैं। आज बुद्ध पूर्णिमा है। इस मौके पर महात्मा बुद्ध के अनमोल वचन पढ़ें, जो आपके जीवन को बना देंगे आसान।

ज्ञान में असीम शांति है। प्रभु का ध्यान लगाने से शांति मिलती है और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
आप अंनत सुख और शांति की राह पर चलते रहें।
न ही सुख स्थायी और न ही दुख। बुरा समय आने पर उसका डटकर सामना करना चाहिए और हमेशा रोशनी की तलाश करनी चाहिए।
सदैव सच का साथ देते रहो। अच्छा सोचो और अच्छा करो। प्रेम धारा बनकर बहो।
बुराई से बुराई कभी खत्म नहीं होती। घृणा को तो केवल प्रेम द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है. यह अटूट सत्य है।
क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकड़े रहने के समान है। इसमें आप ही जलते हैं।
क्रोध में हजारों शब्दों को गलत बोलने से अच्छा, मौन वह एक शब्द है जो जीवन में शांति लाता है।
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