पूजा में किस धातु के बर्तन को काम में लें, जानने के लिए पढ़े

Update: 2023-06-26 13:12 GMT
भगवान की पूजा हर घऱ मँदिर में की जाती है भगवान की पूजा से मन को शांति मिलती है व घऱ पवित्र हो जाता है। भगवान की पूजा में कई प्रकार के बर्तनों का भी उपयोग किया जाता है। ये बर्तन किस धातु के होने चाहिए और किस धातु के नहीं, इस संबंध में कई नियम बताए गए हैं। जिन धातुओं को पूजा से वर्जित किया गया है उनका उपयोग पूजन कर्म में नहीं करना चाहिए। अन्यथा धर्म- कर्म का पूर्ण पुण्य फल प्राप्त नहीं हो पाता है। शास्त्रों के अनुसार अलग-अलग धातु अलग-अलग फल देती है। इसके पीछे धार्मिक कारण के साथ ही वैज्ञानिक कारण भी है। आइये जानते हैं किस तरह अलग अलग धातु के बर्तन पूजा में अपना महत्व रखते हैं।
* एल्युमिनियम : एल्युमिनियम के बने पात्र का उपयोग पूजा में नहीं करना चाहिए क्योंकि इसे रगड़ने पर इसका कालिख निकलने लगता हैं।
* स्टेनलैस स्टील : स्टेनलैस स्टील के बने पात्र प्राकृतिक धातु न होने के कारण अपवित्र माने जाते है, इसलिए पूजा में इनका उपयोग भी वर्जित है।
* लोहा : लोहे के बने पात्र में हवा और पानी के संपर्क में आने पर जंग लग जाती है, इसलिए इनका उपयोग भी पूजा में नहीं करना चाहिए।
* इन धातुओं के बने बर्तन का उपयोग होता है शुभ : पूजा में शंख, सीपी, पत्थर और चांदी के बने पात्रों का उपयोग करना शुभ होता है, क्योंकि ये सभी धातुएं केवल पानी से ही शुद्ध हो जाती है। लेकिन ध्यान रखें कि उन पर किसी तरह की खरोंच या धारियां न हो। साथ ही सोने और चांदी में किसी तरह की मिलावट न हो। इसके अलावा हम ताम्बें और पीतल के बने पात्रों का उपयोग भी कर सकते है। ये धातुएं भी पूजा में शुभ फलदायक होती है।
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