Ravi Pradosh Vrat ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन प्रदोष व्रत को खास बताया गया है जो कि हर माह में दो बार पड़ता है यह तिथि भगवान शिव की साधना आराधना को समर्पित होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष के दिन पूजा पाठ और व्रत करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है साथ ही जीवन के दुखों का निवारण हो जाता है। प्रदोष व्रत के दिन शिव शक्ति की पूजा अर्चना का विधान होता है। पंचांग के अनुसार अभी पितृपक्ष चल रहा है और इस दौरान प्रदोष व्रत किया जाएगा। तो आज हम आपको प्रदोष व्रत की तारीख और समय आदि की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
प्रदोष व्रत की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि अनुसार 29 सितंबर को शाम 4 बजकर 47 मिनट पर आरंभ हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी की 30 सितंबर को शाम 7 बजकर 6 मिनट पर हो जाएगा। वही त्रयोदशी तिथि के अनुसार प्रदोष काल 6 बजकर 9 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 34 मिनट तक है। इस समय भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना लाभकारी होगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्रों को धारण कर घर के पूजा स्थल पर शिव पार्वती की पूजा कर व्रत पूजन का संकल्प करें इसके बाद पास के शिव मंदिर में जाकर भगवान की विधिवत आराधना करनी चाहिए इस दिन दान पुण्य करना भी लाभकारी होता है।