PitruPaksha ज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन प्रदोष व्रत बहुत ही खास होता है जो कि भगवान शिव को समर्पित दिन होता है इस दिन शिव भक्त प्रभु की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर उपवास आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से महादेव की कृपा बरसती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में दो बार प्रदोष व्रत किया जाता है इस दिन शिव संग माता पार्वती की पूजा करने से भक्तों की सारी मुराद पूरी हो जाती है। प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि पर पड़ता है ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि पितृपक्ष के दिनों में कब प्रदोष व्रत किया जाएगा तो आइए जानते हैं सही तारीख और मुहूर्त।
रवि प्रदोष व्रत की तारीख—
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल पितृपक्ष में रवि प्रदोष व्रत 29 सितंबर दिन रविवार को किया जाएगा। इस शुभ दिन पर महादेव की पूजा शाम के समय करना उत्तम माना जाता है मान्यता है कि प्रदोष काल में शिव पार्वती की पूजा करने से आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त—
रवि प्रदोष व्रत इस बार 29 सितंबर को किया जाएगा। इसके साथ ही पितृपक्ष में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को विशेष लाभ की प्राप्ति होती है इसका शुभ मुहूर्त शाम को 4 बजकर 47 मिनट से अगले दिन 30 सितंबर को शाम 7 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। ऐसे में रवि प्रदोष व्रत की पूजा शाम 6 बजकर 8 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 33 मिनट तक करना शुभ रहेगा।