11 अगस्त को इस समय और 12 अगस्त को इस समय बांध सकते हैं राखी
भाई-बहनों के प्रेम सौहार्द्र का परम् पवित्र पर्व रक्षा बंधन अपनी महत्ता से पूरे विश्व को एक सूत्र में बाँध देता है | यह पर्व न केवल भाई-बहनों के मध्य रक्षा सूत्र बाँधने का पर्व है ,अपितु नए संकल्प की कामना का है कि भैया हमारा शतायु हो तथा हमारी अस्मिता एवं प्रतिष्ठा की सदैव रक्षा करें |
भाई-बहनों के प्रेम सौहार्द्र का परम् पवित्र पर्व रक्षा बंधन अपनी महत्ता से पूरे विश्व को एक सूत्र में बाँध देता है | यह पर्व न केवल भाई-बहनों के मध्य रक्षा सूत्र बाँधने का पर्व है ,अपितु नए संकल्प की कामना का है कि भैया हमारा शतायु हो तथा हमारी अस्मिता एवं प्रतिष्ठा की सदैव रक्षा करें |
रक्षा बन्धन का यह पवित्र पर्व श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को पूरे विश्व में बड़े ही श्रद्धा भाव एवं पवित्रता के साथ मनाया जाता है | यद्यपि कि रक्षा सूत्र बाँधने का कार्य पूरे दिन चलता है परन्तु भद्रा रहित एवं अन्य अशुभ योगों से रहित मुहूर्त्त में रक्षा सूत्र बाँधना शुभफलदायीं होता है |
इस वर्ष व्रत के लिए पूर्णिमा का मान 11 अगस्त गुरुवार को दिन में 9 बजकर 35 मिनट से ही आरम्भ हो जाएगा जो अगले दिन 12 अगस्त दिन शुक्रवार को प्रातः 7 बजकर 16 मिनट तक व्याप्त रहेगा। अतः व्रत के लिए पूर्णिमा का मान 11 अगस्त को ही होगा एवं स्नान दान सहित श्रावणी पूर्णिमा उदय कालिक पूणिमा तिथि में 12 अगस्त को होगा।
इस वर्ष पूर्णिमा तिथि में भद्रा का वास 11 अगस्त को दिन में 9 बजकर 35 मिनट से आरंभ होकर रात में 8 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। इस कारक इस काल मे रक्षा बंधन संबंधित कार्य नही होंगे। भद्रा रात में 8:25 बजे के बाद खत्म होने पर ही शेष पूर्णिमा काल मे रक्षाबंधन का कार्य किया जा सकता । अर्थात रात में 8:25 बजे से अगले दिन 12 अगस्त की सुबह 7:15 बजे तक किया जा सकता है।
इसमें भी अति उत्तम मुहूर्त्त 11 अगस्त की रात 12 से 1:20 बजे तक एवं 12 अगस्त की सूर्योदय पूर्व भोर में 03:00 बजे से सुबह 7:16 बजे तक शुभ चौघड़िया में रक्षाबंधन का पुनीत कार्य शुभ फल प्रदायक होगा।