घर की इस दिशा में होते हैं राहु-केतु, इन्हें रखने से हर दिन बढ़ती हैं परेशानी

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की हर दिशा का अपना महत्व है. घर की हर दिशा पर किसी न किसी ग्रह और देवता का वास होता है. इसलिए वास्तु जानकारों का कहना है

Update: 2022-11-02 02:26 GMT

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की हर दिशा का अपना महत्व है. घर की हर दिशा पर किसी न किसी ग्रह और देवता का वास होता है. इसलिए वास्तु जानकारों का कहना है कि घर में किसी भी सामान को रखते समय अगर दिशा का ध्यान रखा जाए, तो सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं. बता दें कि घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा को राहु-केतु की दिशा कहा गया है.

घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में सामान आदि रखते समय अगर कुछ बातों का ध्यान न रखा जाए, तो व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वास्तु जानकारों का कहना है कि घर की इस दिशा के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए भारी और वजनदार चीजों को इस दिशा में रखना चाहिए. वहीं, कुछ चीजें ऐसी भी होती हैं, जिन्हें इस दिशा में नहीं रखना चाहिए. आइए जानें इन चीजों के बारे में.

दक्षिण-पश्चिम दिशा में न रखें

वास्तु जानकारों का कहना है कि कभी भी इस दिशा में पूजा स्थल नहीं बनवाना चाहिए. कहते हैं कि इस दिशा में पूजा घर बनवाने से व्यक्ति का मन पूजा में नहीं लगता. जिस वजह से व्यक्ति को पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता.

व्यक्ति को दक्षिण-पश्चिम दिशा में कभी भी बच्चों का स्टडी रूम नहीं बनवाना चाहिए. इससे उन्हें पढ़ाई में दिक्कत तो होती ही है, साथ ही, लंबे समय तक व्यक्ति को चीजें याद नहीं रहती. व्यक्ति को इस दिशा में पढ़ने से रिजल्ट भी अच्छा नहीं मिलता.

 व्यक्ति को दक्षिण-पश्चिम में कभी भी टॉयलेट नहीं बनवाना चाहिए. इससे घर का मुख्य सदस्य हमेशा बीमार रहता है.

वास्तु के अनुसार इस दिशा में तुलसी का पौधा भी भूलकर नहीं करना चाहिए. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है. ऐसे में इस दिशा में तुलसी का पौधा लगाते ही इसकी सकारात्मक ऊर्जा चली जाती है.

वास्तु जानकारों का कहना है कि दक्षिण-पश्चिम दिशा में गेस्ट रूम बनवाने से भी परहेज करना चाहिए. बता दें कि अगर इस दिशा में गेस्ट रूम बनवाते हैं, तो गेस्ट आपसे अनुचित व्यवहार कर सकता है, जिससे आपकी समस्याएं बढ़ सकती हैं.


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