प्रवेश द्वार पर लगाएं गणपति की प्रतिमा, रोक शोक परिवार से रहेगा दूर

Update: 2023-07-07 10:14 GMT
वास्तुशास्त्र हर किसी के जीवन में अहम भूमिका अदा करता हैं इसमें व्यक्ति के जीवन से जुड़ी हर एक चीज़ को लेकर नियम बताए गए हैं जिसके अनुसार चलने से व्यक्ति को लाभ मिलता हैं लेकिन इनकी अनदेखी समस्याओं को पैदा कर सकती हैं वास्तुशास्त्र में घर के प्रवेश द्वार पर प्रथम पूजनीय श्री गणेश की प्रतिमा लगाने को बेहद ही शुभ बताया गया हैं।
 माना जाता है कि ऐसा करने से सफलता के द्वार खुलने लगते हैं और तरक्की होने लगती हैं। साथ ही साथ घर परिवार से रोग और शोक भी हमेशा दूर रहता हैं, तो आज हम आपको अपने इस लेख में गणपति प्रतिमा को स्थापित करने से जुड़े जरूरी नियम बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 गणपति मूर्ति स्थापित करने के नियम—
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का प्रवेश द्वार अगर पूर्व या पश्चिम दिशा में है तो ऐसे में प्रवेश द्वार पर गणेश की प्रतिमा नहीं लगानी चाहिए इसे शुभ नहीं माना जाता हैं लेकिन अगर आपके द्वार का मुख उत्तर या दक्षिण दिशा में हैं तो आप री गणेश की प्रतिमा को प्रवेश द्वार पर स्थापित कर सकते हैं। ऐसे में आप श्री गणेश की मूर्ति प्रवेश द्वार के अंदर की ओर ही स्थापित करें। जिससे प्रतिमा का मुख्य अंनद की ओर हो।
 इसके लिए उत्तर पश्चिम और पूर्वोत्तर की दिशा को अधिक शुभ माना गया हैं। अगर आप घर के सदस्यों की तरक्की चाहते हैं तो ऐसे में प्रवेश द्वार पर सिंदूरी रंग की प्रतिमा को स्थापित कर सकते हैं वही सफलता के लिए सफेद रंग की गणेश प्रतिमा भी शुीा मानी गई हैं। घर के मुख्य द्वार पर भगवान गणेश की मूर्ति हमेशा ही बैठी मुद्रा में लगानी चाहिए खड़ी मुद्रा में श्री गणेश की प्रतिमा घर के बाहर द्वार पर लगाना शुभ नहीं माना जाता हैं।
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