Puja Path: हिंदू मान्यता के अनुसार पूजा-पाठ कभी भी जमीन पर बैठकर नहीं करना चाहिए, जानें आसन से जुड़े नियम

हिंदू मान्यता के अनुसार पूजा-पाठ (Puja Path) कभी भी जमीन पर बैठकर नहीं करना चाहिए. कहते हैं कि किसी भी पूजा की सिद्धि के लिए पूजा के समय आसन (Asan For Puja) होना जरूरी है

Update: 2021-09-26 02:49 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Asan Related Rules: हिंदू मान्यता के अनुसार पूजा-पाठ (Puja Path) कभी भी जमीन पर बैठकर नहीं करना चाहिए. कहते हैं कि किसी भी पूजा की सिद्धि के लिए पूजा के समय आसन (Asan For Puja) होना जरूरी है. प्रत्येक देवी-देवताओं के लिए अलग फल, फूल, मंत्र, प्रसाद आदि अर्पित किए जाते हैं. उसी तरह अलग-अलग पूजा अनुष्ठान के लिए अलग-अलग तरह के आसन होते हैं. आसन से जुड़े नियमों (Asan Related Rules) को पूजा करते समय ध्यान रखना जरूरी होता है. आइए डालते हैं एक नजर पूजा आसन के नियमों पर...

Know Asan Related Rules (जानें आसन संबंधित नियम)
कंबल या ऊनी आसन होता है श्रेष्ठ
किसी भी कार्यसिद्धी के लिए पूजा में आसन का विशेष महत्व होता है. अक्सर लोग जमीन में बैठकर ही पूजा कर लेते हैं, जो कि धार्मिक दृष्टि से शुभ नहीं माना जाता है. शास्त्रों में आसन के नियमों का उल्लेख किया गया है. कहते हैं कि पूजा के आसन में कंबल या ऊन से बने हुए आसन श्रेष्ठ रहते हैं. लाल रंग के कंबल का आसन लक्ष्मी जी, हनुमान जी और मां दूर्गा की पूजा के लिए होते हैं. वहीं अगर आप मंत्र सिद्धी आदि के लिए पूजा कर रहे हैं तो कुशा से बने हुए आसन प्रयोग करने चाहिए. वहीं श्राद्ध कर्म के दौरान कुशा से बने आसन का प्रयोग भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
किसी दूसरे का आसन न करें प्रयोग
धार्मिक दृष्टि से पूजा का आसन हर किसी का अपना अलग होना चाहिए. कहते हैं कि एक व्यक्ति के पूजा करने के बाद दूसरे व्यक्ति को उसका आसन प्रयोग नहीं करना चाहिए. देवी-देवताओं के अनुरुप ही आसन का प्रयोग करना चाहिए.
ऐसे आसन होते हैं अशुभ
ईश्वर की अराधना के लिए पूजा में आसन का विशेष महत्व होता है. ऐसे ही किसी भी आसन पर बैठकर पूजा करना शुभ नहीं माना जाता. यहां तक कि जमीन पर ऐसे ही कोई भी आसन लगाकर पूजा करने से उसका फल भी प्राप्त नहीं होता. कहते हैं पवित्र आसन पर बैठकर पूजा करने से ईश्वर जल्दी प्रसन्न होते हैं और उनकी शीघ्र कृपा मिलती है. जमीन पर बैठकर आसन लगा लेने से दु:ख की प्राप्ति होती है. वहीं बांस से बने आसन से घर में दरिद्रता आती है और लकड़ी को आसन बनाकर बैठने पर दुर्भाग्य और तिनके को आसन के रूप में प्रयोग करने पर धन एवं यश की हानि होती है. इसलिए पूजा के लिए हमेशा सही आसन का चयन करें.
अन्य जरूरी नियम
पूजा करने के बाद पूजा के आसन को हमेशा उचित स्थान पर रखें. इधर-उधर कहीं भी रखकर उसका अनादर न करें. पूजा के आसन का प्रयोग सिर्फ पूजा के लिए ही करें और किसी काम के लिए नहीं करना चाहिए. पूजा करने के बाद सीधा आसन से उठकर न जाएं, बल्कि आचमन से थोड़ा सा जल लेकर जमीन पर गिराएं और उस जल को मस्तक पर लगाने के बाद देवी-देवताओं को प्रणाम करें. इसके बाद आसन को उचित स्थान पर रखें और पूजा स्थल से बाहर जाएं.


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