रक्षाबंधन पर ऐसे तैयार करें आरती की थाली, इन चीजों को रखना होता है शुभ

रक्षाबंधन पर ऐसे तैयार करें आरती की थाली

Update: 2022-06-23 14:33 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष  हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों को बेहद ही खास माना जाता है वही भाई बहन के अटूट प्रेम का पर्व रक्षाबंधन इस साल 11 अगस्त को मनाया जाएगा। हर भाई बहन को राखी के त्योहार का इंतजार होता है यही वो पर्व है जो भाई बहन को स्नेह की डोर में बांधता है भाई बहन के प्यार को और मजबूत बनाता है इस दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधती है उनकी लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना करती है

तो वहीं भाई हमेशा बहन की रक्षा का वचन देता है रक्षाबंधन के दिन बहन सुबह पूजा की थाली को सजाती है और भाई की आरती उतारती है राखी की ​थाली को बहुत ही शुभ माना गया है शास्त्र अनुसार अगर बहन राखी की थाल सही तरीके से सजाकर तब राखी बांधती है तो उनके भाई की आयु दीर्घ होने के साथ माता लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है ऐसे में आज हम आपको रक्षाबंधन पर आरती की थाली कैसे तैयार करें इसके बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
ऐसे सजाएं आरती की थाली—
आपको बता दें कि रक्षाबंधन पर आरती की थाली सजाते वक्त राखी रखना न भूलें मान्यता है कि भाई की कलाई में राखी बांधने से बुरी शक्तियां नष्ट होती है। हिंदू धर्म में चंदन को पवित्र माना गया है हर शुभ काम के लिए चंदन का इस्तेमाल किया जाता है ऐसे में रक्षाबंधन के दिन राखी की थाली को सजाते वक्त उसमें चंदन रखें चंदन से तिलक करने से आपके भाई दीर्घायु हो सकते हैं और उन्हें कई तरह के ग्रहों से भी छुटकारा मिलता है। चावल का तिलक नकारात्मक शक्तियों को समाप्त करता है ऐसे में अगर आप राखी के दिन अपने भाई के माथे पर रोली, अक्षत के साथ दही मिलाकर तिलक करें इससे उनका जीवन खुशियों भरा रहेगा।
आरती की थाली दीपक के बिना पूरी नहीं मानी जाती है शुभ अवसरों पर घर में दीपक जरूर जलाई जाती है दीपक प्रकाश को फैलाता है रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर बहने अक्सर दीपक जलाकर भाई की आरती उतारती है इस दिन थाल में दीपक जलाने से भाई बहन का प्रेम पूरी तरह पवित्र बना रहता है। हर खुशी के अवसर पर मिठाई खाई और खिलाई जाती है ऐसे में राखी के शुभ अवसर पर बहन की थाली में मिठाई न हो ऐसा हो ही नहीं सकता है मान्यता है कि इस दिन भाई का मुंह मीठा कराने से रिश्ते में मिठास बनी रहती हैं। राखी बांधते वक्त भाई का मुख पूरब दिशा और बहन का पश्चिम दिशा में होना चाहिए।


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