ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन शिव साधना को समर्पित प्रदोष व्रत बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में पड़ता है इस दिन भक्त भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से प्रभु का आशीर्वाद मिलता है पंचांग के अनुसार अभी वैशाख का महीना चल रहा है और इस माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाएगा।
जो कि 5 मई दिन रविवार को पड़ रहा है रविवार के दिन प्रदोष पड़ने के कारण ही इसे रवि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से आरोग्य जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है साथ ही आय, आयु और सौभाग्य में वृद्धि होती है। प्रदोष व्रत पर भगवान शिव के साथ माता पार्वती की विधिवत पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और वैवाहिक जीवन में भी मधुरता आती है जानिए प्रदोष व्रत पूजा का मुहूर्त।
रवि प्रदोष पूजा मुहूर्त—
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत पर शिव साधना प्रदोष काल में करना शुभ माना जाता है, प्रदोष काल सूर्यास्त के 1 घंटे से पहले और एक घंटे बाद तक का समय होता है माना जाता है कि इस मुहूर्त में अगर प्रदोष व्रत के दिन शिव पार्वती की विधिवत पूजा की जाएं तो जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती है और सुख समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है इस शुभ दिन पर भक्त भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा की भी करते हैं और भक्ति में लीन रहते हैं।