चार दिनों तक मनाया जाता है पोंगल, होती है इन्द्रदेव की पूजा

इंद्रदेव की पूजा प्रदेश में अच्छी फसल के लिए करते हैं. वहीं दूसरे दिन सूर्य पोंगल, तीसरे दिन मात्तु पोंगल और चौथे दिन कन्या पोंगल सेलिब्रेट किया जाता है

Update: 2022-01-10 10:24 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 14 जनवरी को जहां उत्तर भारत में मकर संक्रांति का त्योहार बनाया जाता है. वहीं दक्षिण भारत में इसी दिन पोंगल मनाया जाता है. पोंगर तमिलनाडु का एक मुख्य त्योहार है. इस पर्व को नए वर्ष की शुरुआत के तौर लगातार चार दिनों तक मनाया जाता है. इस पर्व का पहला दिन भोंगी पोंगल के रुप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान इंद्र की पूजी होती है. मान्यता है कि लोग इंद्रदेव की पूजा प्रदेश में अच्छी फसल के लिए करते हैं. वहीं दूसरे दिन सूर्य पोंगल, तीसरे दिन मात्तु पोंगल और चौथे दिन कन्या पोंगल सेलिब्रेट किया जाता है.

पोंगल शुभ मुहूर्त (Pongal Shubh Muhurat)
पंचांग के मुताबिक 14 जनवरी को पोंगल मनाया जाएगा. वहीं ज्योतिषियों का कहना है कि पहले दिन पोंगल की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 2 बजकर 12 मिनट से है.
क्यों मनाते हैं पोंगल (Pongal 2022 Significance)
पोंगल तमिलनाडु का खास पर्व है. यह फसल और खेती से जुड़ा पर्व है. तमिल कैलेंडर के मुताबिक सूर्य जब 14-15 जनवरी के दिन मकर राशि में गोचर करते हैं तब नए साल की पहली तारीख होती है. साथ ही इस दिन तक धान और गन्ने की फसल तैयार हो जाती है. किसान अपने फसलों से खुश रहते हैं और प्रकृति को आभार प्रकट करते हैं. इस दौरान किसान सूर्य देव, इन्द्रदेव और पशु की पूजा करते हैं.


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