पितरों को ऐसे करें प्रसन्न, वंश वृद्धि का मिलेगा आशीर्वाद

Update: 2024-05-22 11:27 GMT
ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है अभी वैशाख का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा के नाम से जाना जा रहा है जो कि 23 मई दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी।
 यह तिथि भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी की पूजा आराधना को समर्पित होती है पूर्णिमा पर स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है माना जाता है कि ऐसा करने से देवी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है लेकिन इसी के साथ ही अगर पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ की विधिवत पूजा की जाए तो पूर्वज प्रसन्न होकर सुख समृद्धि और तरक्की व वंश वृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं तो आज हम आपको पूजन की विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 इस विधि से करें पीपल की पूजा—
ज्योतिष अनुसार वैशाख पूर्णिमा के दिन तांबे के लोटे में जल भरकर भगवान विष्णु के अष्टभुज रूप का स्मरण करें इसके बाद जल को पीपल के पेड़ पर अर्पित करें अब वृक्ष की पांच बार परिक्रमा करके भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रभु से प्रार्थना करें। इसके साथ ही एक लोटे में पानी में दूध और काला तिल मिलाकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं। इससे पितृ प्रसन्न हो जाते हैं और सुख समृद्धि व खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं।
 वैशाख पूर्णिमा के दिन पीपल की पूजा के साथ साथ पीपल के पेड़ लगाने से भी साधक को लाभ मिलता है साथ ही बृहस्पति ग्रह के बुरे प्रभावों से भी मुक्ति मिल जाती है। अगर किसी जातक की कुंडली में शनि या गुरु दोष है तो ऐसे में पीपल के पेड़ की पूजा जरूर करें। पीपल के पेड़ की पूजा करने से ग्रहों से शुभ फल मिलते हैं और परेशानियां समाप्त हो जाती हैं।
 
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