माँ दुर्गा को प्रसन्न करें इन उपायों की मदद से माँ दुर्गा को प्रसन्न करें इन उपायों की मदद से
दुनिया में माता के भक्तों की कमी नहीं हैं। हर कोई चाहता है कि माँ की कृपा उन पर बनी रहे और उनके जीवन के दुःख-दर्द का हरण हो। जिसके लिए हर भक्त माँ को प्रसन्न करने में लगा रहता हैं। लेकिन कुछ कमी रह जाती है जिसके चलते दिक्कतें महसूस की जाती हैं। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे उपाय जिनकी मदद से माँ दुर्गा प्रसन्न हो और उनकी कृपा आप पर बनी रहें। तो आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में।
* शास्त्रों के अनुसार चाहे पृथ्वी लोक हो या कोई भी अन्य लोक, हर पापी मां दुर्गा के नाम से डरता है। इसलिए यदि भक्त सच्चे मन से केवल देवी का नाम भी ले, यानि कि उनके नाम का जाप करे तो उसके कई संकट दूर हो जाते हैं।
* माता का जागरण करें। आप मंदिर में भी रातीजगा कर सकते हैं। क्योकि संपूर्ण उत्तर भारत के दुर्गा मंदिरों में नवरात्र के दिनों में मां का सोलह श्रंगार किया जाता है। तो वहीं गुजरात और महाराष्ट्र में गरबे का आयोजन रात भर होता है।
* यदि जीवन में कोई परेशानी चल रही हो, तो मां दुर्गा के किसी भी मंत्र का एक माला जाप करें। आप किसी ज्योतिषी या विशेषज्ञ से मां दुर्गा के मंत्र के बारे में जान सकते हैं, अन्यथा दुर्गा बीज मंत्र का जाप करें जो इस प्रकार है – “ऊँ ह्रीं दुं दुर्गायै नम:”
* मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए चंडी पाठ या फिर दुर्गा सप्तशती पाठ का बेहद महत्व बताया जाता है। यह दोनों ही पाठ यदि कोई नियमानुसार पढ़ ले तो उस पर मां दुर्गा की अपार कृपा होती है।
* हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार प्रत्येक स्त्री ‘देवी’ का ही रूप होती है, इसलिए यदि स्त्रियों का सम्मान किया जाए तो इससे दुर्गा प्रसन्न होती हैं। घर की स्त्रियों और कन्याओं को मान-सम्मान देने से देवी उस घर पर सुख समृद्धि बनाए रखती हैं।
* भारत जैसे देश में गरीबी और गरीब बच्चे मिलना मुश्किल नहीं है। यदि गरीब बच्चियों को खुश किया जाए, उन्हें भोजन-कपड़े इत्यादि दान किए जाएं तो ऐसा करने से देवी प्रसन्न होती हैं।
* भूखे-प्यासे जानवरों की मदद करने से भी मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। किसी जानवर या पक्षी, किसी की भी सेवा करने से देवी आप पर अपार कृपा करेंगीं।
* मासिक दुर्गाष्टमी या फिर नवरात्रि का उपवास करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। इस व्रत को करने की विधि एवं नियम भी कठिन नहीं होते। यदि सच्चे मन से किया जाए तो व्रत सफल होता है और देवी प्रसन्न होकर मनोकामना पूर्ण करती हैं।