हिंदू धर्म में साल के 15 दिन पूर्वजों को समर्पित होते हैं जिन्हें पितृपक्ष के नाम से जाना जाता है इस दौरान लोग अपने मृत परिजनों को याद कर उनका श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं मान्यता है कि पितृपक्ष के दिनों में पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध तर्पण से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते है। इस साल पितृपक्ष का आरंभ 29 सितंबर से हो रहा हैं जो कि पितृदोष निवारण हेतु उत्तम समय माना गया हैं।
अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है और आप इससे मुक्ति पाना चाहते हैं तो पितृपक्ष के दिनों में चार चमत्कारी पौधों को लगाएं मान्यता है कि इन पौधों को लगाने और इनकी देखभाल करने से पूर्वज प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं और पितृपक्ष से मुक्ति मिल जाती हैं, तो आज हम आपको इन्हीं पौधों के बारे में बता रहे हैं।
पितृ दोष से मुक्ति के उपाय—
सनातन धर्म में पीपल के पेड़ को बेहद पवित्र और पूजनीय माना गया हैं मान्यता है कि इसमें सभी देवी देवताओं का वास होता है ऐसे में पितृपक्ष के दिनों में अगर पीपल के पेड़ की विधिवत पूजा की जाए तो शुभ फल मिलता है पितृपक्ष के दौरान सुबह के समय पीपल पर जल अर्पित करना उत्तम माना जाता है तो वही संध्याकाल में दीपक जलाने से पितृदोष दूर हो जाता है साथ ही पीपल को लगाने से सभी देवी देवताओं की कृपा प्राप्त होती हैं।
तुलसी को भी शुभ माना गया है ऐसे में अगर पितृपक्ष के दौरान तुलसी का पौधा लगाया जाए तो पितरों को निश्चित ही मुक्ति मिलती है साथ ही पितृदोष भी समाप्त हो जाता हैं। पितृपक्ष के दिनों में बरगद और बेल लगाना भी उत्तम माना जाता है मान्यता है कि इन पौधों को लगाने से अतृप्त आत्माओं को शांति मिलती है और पितृदोष भी दूर हो जाता हैं।