आषाढ़ अमावस्या के दिन लगाएं ये वृक्ष, पितरों का मिलेगा विशेष आशीर्वाद
हिंदू धर्म में आषाढ़ अमावस्या का बहुत महत्व है। इस दिन हम अपने पितरों के आत्मा की शांति के लिए दान-पुण्य करते हैं।
हिंदू धर्म में आषाढ़ अमावस्या का बहुत महत्व है। इस दिन हम अपने पितरों के आत्मा की शांति के लिए दान-पुण्य करते हैं। वैसे तो हर महीने की अमावस्या तिथि पर अपने पितरों के लिए हम दान-पुण्य करते ही हैं। मान्यता है कि इससे हमारे पितरों को खुशी मिलती है और वे अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। अमावस्या के दिन हम अपने पितरों को याद करते हैं। 9 जुलाई के दिन आषाढ़ अमावस्या है। ज्योषिशास्त्र के अनुसार, इस दिन पितरों को खुश करने के लिए हमें कई तरह का उपाय करना चाहिए। पितरों की खुशी से हमारे जीवन में भी खुशियां आती हैं। इस दिन हमें वृक्ष लगाना चाहिए।
बेल का वृक्ष
बेल का पेड़ भगवान शिव को बहुत ही प्रिय है। अमावस्या के दिन इस पौधे को लगाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
बरगद का वृक्ष
पौराणिक मान्यता के अनुसार, बरगद के वृक्ष को काफी पवित्र माना गया है। अमावस्या के दिन बरगद लगाने से पितरों को शांति मिलती है। इस दिन इसके नीचे बैठकर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। परिवार में खुशियों का आगमन होगा।
अशोक का वृक्ष
अमावस्या के दिन अशोक का वृक्ष लगाने से पितरों के शोक-संताप दूर होते हैं। इससे उनको खुशियां मिलती हैं।
तुलसी का वृक्ष
तुलसी के पौधे का औषधीय और धार्मिक कार्यों में बहुत महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि तुलसी के पौधे का संबंध सीधे बैकुंठ धाम से है। अमावस्या के दिन पितरों के नाम पर तुलसी का पौधा लगाने से उन्हें मुक्ति मिलती है।
पीपल का वृक्ष
पीपल को सनातन धर्म में बहुत ही पवित्र माना गया है। इस दिन पीपल का पेड़ लगाने और इसके पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है। जिनकी कुडंली में गुरु चाडांल योग है, तो उन्हें अमावस्या के दिन पीपल का पेड़ जरूर लगाना चाहिए।