Phulera Dooj 2022: जानिए कब है फूलेरा दूर और मुहूर्त

हिंदू धर्म में हर एक माह का अपना एक खास महत्व होता है

Update: 2022-02-17 11:09 GMT

Phulera Dooj 2022: हिंदू धर्म में हर एक माह का अपना एक खास महत्व होता है. हर एक माह में कुछ ऐसे व्रत आदि होते हैं, जिनको खास रूप से मनाया जाता है, इन्हीं में से एक है फाल्गुन माह ( Phalgun Maah) . हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह (Phalgun Month) के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फूलेरा दूज का त्योहार मनाया जाता है. इस साल 2022 में फूलेरा दूज 04 मार्च यानी कि दिन शुक्रवार को पड़ रहा है. जो ब्रज क्षेत्र में रहते हैं वहां फूलेरा दूज से होली (Holi) का आगमन माना जाता है. माना जाता है कि फूलेरा दूज पर भगवान श्रीकृष्ण राधा रानी संग फूलों से होली खेलते हैं.यही कारण है कि मथुरा और वृंदावन के श्रीकृष्ण मंदिरों में इस खास दिन से अलग अलग रूपों में होली की तैयारी शुरू हो जाती हैं.ज्योतिषशास्त्र की मानें तो फूलेरा दूज एक ऐसा दिन होता है जिस दिन बिना मुहुर्त आदि के भी आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं. तो ऐसे में आइए जानते हैं इस साल फूलेरा दूज की तिथि (Date), पूजा मुहूर्त (Puja Muhurat) आदि के बारे में.

फूलेरा दूज 2022 तिथि एवं मुहूर्त
आपको बता दें कि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, इस साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फूलेरा दूज 03 मार्च दिन गुरुवार को रात 09 बजकर 36 मिनट पर शुरू हो रहा, जबकि इस तिथि की समाप्ति अगले दिन यानी कि 04 मार्च शुक्रवार को रात 08 बजकर 45 मिनट पर होने वाली है. ऐसे में 4 मार्च को उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए फूलेरा का त्योहार इसी दिन मनाया जाएगा.
शुभ योग में फूलेरा दूज
इस साल फूलेरा दूज शुभ योग 04 मार्च को रात में 01 बजकर 45 मिनट तक रहने वाला है. ऐसे में आप इस योग किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य कर सकते हैं. इसके साथ ही एक दूसरा योग रात 01 बजकर 52 मिनट से अगले दिन प्रात: 06 बजकर 42 मिनट तक हैं.
क्या है फूलेरा दूज का महत्व
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार फूलेरा दूज को राधाकृष्ण की खास रूप से पूजा-अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फूलेरा दूज के दिन मन में किसी भी प्रकार की मनोकामना लेकर भक्त राधाकृष्ण की पूजा करते हैं, तो वो मनोकामना पूर्ण होती है. इन दिन विवाह करना भी काफी शुभ माना जाता है, कहते हैं जिन लोगों की इस दिन शादी होती है उनकी जोड़ी राधा-कृष्ण की तरह से बनी रहती है. इसके साथ ही फूलेरा दूज के अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण और राधाजी को फूलों से श्रृंगार किया जाता है.
Tags:    

Similar News