मां दुर्गा के प्रभावशाली मंत्र को शुद्ध मन से करें, प्राप्त होगा शांति और ऊर्जा

कहते हैं ऊर्जा का महासंचार है महादेवी में। देवी की आराधना हर कष्ट से निवारण कराती है।

Update: 2020-12-15 05:47 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्ककहते हैं ऊर्जा का महासंचार है महादेवी में। देवी की आराधना हर कष्ट से निवारण कराती है। यहां इस लेख में दे रहे हैं देवी की आराधना के कुछ मंत्र, जो आपको दे सकते हैं मन की शांति और ऊर्जा।

रोग नाश का मंत्र
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता हाश्रयतां प्रयान्ति।
अर्थातः देवी! तुम प्रसन्न होने पर सब रोगों को नष्ट कर देती हो और कुपित होने पर मनोवांछित सभी कामनाओं का नाश कर देती हो। जो लोग तुम्हारी शरण में जा चुके है। उनको विपत्ति तो आती ही नहीं। तुम्हारी शरण में गए हुए मनुष्य दूसरों को शरण देने वाले हो जाते हैं।

दु:ख-दारिद्र नाश के लिए
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:। स्वस्थै स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।।
द्रारिद्र दु:ख भयहारिणि का त्वदन्या। सर्वोपकारकारणाय सदाह्यद्र्रचिता।।
ऐश्वर्य, सौभाग्य, आरोग्य, संपदा प्राप्ति एवं शत्रु भय मुक्ति-मोक्ष के लिए
ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः।
शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सान किं जनै॥
भय नाशक दुर्गा मंत्र
सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते,
भयेभ्यास्त्रहिनो देवी दुर्गे देवी नमोस्तुते।
स्वप्न में कार्य सिद्धि-असिद्धि जानने के लिए
दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थ साधिके।
मम सिद्घिमसिद्घिं वा स्वप्ने सर्व प्रदर्शय।।
मां के कल्याणकारी स्वरूप का वर्णन
सृष्टिस्थिति विनाशानां शक्तिभूते सनातनि।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि! नमोऽस्तुते॥
अर्थातः हे देवी नारायणी! तुम सब प्रकार का मंगल प्रदान करने वाली मंगलमयी हो। कल्याणदायिनी शिवा हो। सब पुरुषार्थों को सिद्ध करने वाली शरणागतवत्सला, तीन नेत्रों वाली एवं गौरी हो, तुम्हें नमस्कार है। तुम सृष्टि पालन और संहार की शक्तिभूता सनातनी देवी, गुणों का आधार तथा सर्वगुणमयी हो। नारायणी! तुम्हें नमस्कार है।


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