Gajanan Sankashti Chaturthi पर करें भगवान गणेश की आरती

Update: 2024-07-24 08:51 GMT
Gajanan Sankashti Chaturthi ज्योतिष न्यूज़  : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन गजानन संकष्टी चतुर्थी को बहुत ही खास माना जाता है जो कि हर माह में आती है यह तिथि गणपति की साधना को समर्पित होती है इस दिन भक्त भगवान श्री गणेश की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं कहा जाता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है
 हिंदू पंचांग के अनुसार गजानन संकष्टी चतुर्थी का पर्व आज यानी 24 जुलाई दिन बुधवार को मनाया जा रहा है। सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा का विधान है माना जाता है कि इस दिन पूजा पाठ के दौरान अगर प्रभु की आरती भक्ति भाव से कि जाए तो भगवान शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों पर कृपा करते हैं साथ ही जातक को सभी कार्यों में सफलता हासिल होती है और पूजा भी सफल मानी जाती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान गणेश की आरती।
 श्री गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती (माता पार्वती के मंत्र), पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
 अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
 
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