स्कंद षष्ठी पर करें भगवान कार्तिकेय के मंत्रों का जाप, इस तरह करें आरती
आज फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। आज का दिन भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।
जनता से रिश्ता वेबडेसक | आज फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। आज का दिन भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना की जाती है। कई जगहों पर ऐसा वर्णन है कि भगवान कार्तिकेय को युद्ध का राजा माना जाता था। इसी कारण से देवताओं ने इन्हें अपना सेनापति नियुक्त किया था। इनका निवास स्थान दक्षिण दिशा में माना जाता है। ऐसे में खासतौर से इनकी पूजा दक्षिण भारत में की जाती है। यहां पर भव्य तरीके से इनकी पूजा की जाती है। कहा जाता है कि अगर इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा और व्रत किया जाए तो व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इसके साथ ही इनकी पूजा करते समय मंत्रों का जाप और आरती भी करनी चाहिए। तो आइए पढ़ते हैं भगवान कार्तिकेय की पूजा का मंत्र और आरती।
भगवान कार्तिकेय की पूजा का मंत्र-
देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।
कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥
शत्रु नाश के लिए पढ़ें ये मंत्र-
ॐ शारवाना-भावाया नम:
ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा
देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।
कार्तिकेय गायत्री मंत्र:
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात:।
भगवान कार्तिकेय की आरती:
जय जय आरती
जय जय आरती वेणु गोपाला
वेणु गोपाला वेणु लोला
पाप विदुरा नवनीत चोरा
जय जय आरती वेंकटरमणा
वेंकटरमणा संकटहरणा
सीता राम राधे श्याम
जय जय आरती गौरी मनोहर
गौरी मनोहर भवानी शंकर
साम्ब सदाशिव उमा महेश्वर
जय जय आरती राज राजेश्वरि
राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि
महा सरस्वती महा लक्ष्मी
महा काली महा लक्ष्मी
जय जय आरती आन्जनेय
आन्जनेय हनुमन्ता
जय जय आरति दत्तात्रेय
दत्तात्रेय त्रिमुर्ति अवतार
जय जय आरती सिद्धि विनायक
सिद्धि विनायक श्री गणेश
जय जय आरती सुब्रह्मण्य
सुब्रह्मण्य कार्तिकेय।
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '