25 अप्रैल से शुरू होगी पंचक काल, हिंदू धर्म और ज्‍योतिष इसको दी है महत्‍ता

आज यानी कि 25 अप्रैल से पंचक काल शुरू हो रहा है. हिंदू धर्म और ज्‍योतिष में अच्‍छे-बुरे समय की गणना करने में पंचकों को खासी महत्‍ता दी जाती है.

Update: 2022-04-25 10:04 GMT

आज यानी कि 25 अप्रैल से पंचक काल शुरू हो रहा है. हिंदू धर्म और ज्‍योतिष में अच्‍छे-बुरे समय की गणना करने में पंचकों को खासी महत्‍ता दी जाती है. आमतौर पर 5 दिन के पंचक काल को अच्‍छा नहीं माना जाता है. इस दौरान कोई भी शुभ-मांगलिक काम करने की मनाही होती है. लेकिन अप्रैल महीने के आखिर में लगे ये पंचक बहुत खास हैं.

ये पंचक राज पंचक हैं. जब पंचक काल सोमवार से शुरू होता है तो उसे राज पंचक कहते हैं. इसी तरह रविवार से शुरू होने वाले पंचक को रोग पंचक, मंगलवार से शुरू होने वाले पंचक को अग्नि पंचक, शुक्रवार से प्रारंभ होने वाले पंचक को चोर पंचक और शनिवार से प्रारंभ होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है. वहीं बुधवार और गुरुवार से शुरू होने वाले पंचकों को अधिकांश कामों के लिए शुभ माना जाता है. इसी तरह राज पंचक को तो नए काम शुरू करने के लिए बहुत अच्‍छा माना गया है.
पंचकों में हो रहा शनि गोचर
जब भी चंद्रमा का गोचर घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में होता है तो पंचक लगता है. इस बार के पंचक के दौरान कर्मफल दाता शनि का गोचर हो रहस है. शनि ढाई साल बाद पंचक के दौरान 29 अप्रैल को राशि बदलेंगे. ऐसे में यह पंचक और भी महत्‍वपूर्ण हो गए हैं. राज पंचक होने के कारण इस दौरान संपत्ति से जुड़े काम करना बेहद शुभ रहेगा.
पंचक के दौरान न करें ये काम
- पंचक के दौरान भगवान की आराधना करें और कोई भी गलत काम न करें.
- पंचक के दौरान घास, लकड़ी, आदि जलने वाली चीजें इकट्ठा न करें.
- चारपाई पलंग न खरीदें.
- घर का निर्माण कार्य चल रहा है तो पंचकों में घर की छत न डलवाएं ना ही चौखट लगवाएं


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