किस दिन मनाया जाएगा प्रकाश पर्व.....जानिए गुरु गोबिंद सिंह से जुड़ी खास बातें
गुरु गोबिंद सिंह की जयंती 9 जनवरी को रविवार के दिन पड़ रही है. वे सिखों के 10वें गुरु थे. गुरु जी ने ही खालसा पंथ की स्थापना की थी और सिखों को 5 ककार का सिद्धांत दिया था. यहां जानिए गुरु गोबिंद सिंह से जुड़ी खास बातें.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गुरु गोबिंद सिंह सिखों के 10वें गुरु थे. हर साल उनकी जयंती को देशभर में सिख समुदाय के बीच प्रकाश पर्व के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन को गुरु गोबिंद सिंह का प्रकाश पर्व भी कहा जाता है. गुरु गोबिंद सिंह एक महान योद्धा, कवि, भक्त और आध्यात्मिक व्यक्तित्व वाले महापुरुष थे. उन्होंने ही खालसा पंथ की स्थापना की थी, जो सिखों के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है.
इस बार गुरु गोबिंद सिंह की जयंती 9 जनवरी को रविवार के दिन पड़ रही है. सिख लोगों के बीच हर साल गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन गुरुद्वारों को सजाया जाता है. अरदास, भजन, कीर्तन के साथ लोग गुरुद्वारे में मत्था टेकने जाते हैं, साथ ही गुरु गोबिंद सिंह जी के बताए धर्म के मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं. इस दिन सिख लोग गरीबों और जरूरतमंदों को उनके जरूरत की वस्तुएं दान करते हैं. इसके अलावा प्रकाश पर्व पर गुरु नानक गुरु वाणी भी पढ़ी जाती है, ताकि लोगों का सही मार्गदर्शन किया जा सके. यहां जानिए गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के पावन अवसर पर गुरु जी से जुड़ी खास बातें.
गुरु गोबिंद सिंह से जुड़ी खास बातें
1. पंचांग के अनुसार देखा जाए तो गुरु गोबिंद सिंह का जन्म पौष शुक्ल सप्तमी को पटना साहिब में हुआ था. इस वर्ष पौष शुक्ल सप्तमी तिथि 08 जनवरी दिन शनिवार को रात 10 बजकर 42 मिनट से शुरू होगी और 09 जनवरी को दिन में 11 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी. हालांकि गुरु गोबिंद सिंह का प्रकाश पर्व सिखों के नानकशाही कैलेंडर के आधार पर तय होता है.
2. गुरु गोबिंद सिंह का बचपन में नाम गोबिंद राय रखा गया था. सन् 1699 को बैसाखी वाले दिन गुरुजी पंज प्यारों से अमृत छककर गोबिंद राय से गुरु गोबिंद सिंह बन गए.
3. गुरु गोबिंद सिंह सिखों के 10वें और आखिरी गुरु थे. गुरु गोबिंद सिंह ने गुरु प्रथा को समाप्त किया और गुरु ग्रंथ साहिब को सर्वोच्च बताया जिसके बाद से गुरु ग्रंथ साहिब की पूजा की जाने लगी और गुरु प्रथा खत्म हो गई. सिख समुदाय में गुरु गोबिंद सिंह के बाद गुरु ग्रंथ साहिब को ही मार्गदर्शक और पवित्र ग्रंथ के रूप में पूजा जाता है.
4. गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा वाणी- वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह दिया था. खालसा पंथ की की रक्षा के लिए गुरु गोबिंग सिंह जी मुगलों और उनके सहयोगियों से कई बार लड़े.
5. उन्होंने जीवन जीने के पांच सिद्धांत दिए थे. जिन्हें पांच ककार के नाम से जाना जाता है. पांच ककार का मतलब 'क' शब्द से शुरू होने वाली उन 5 चीजों से है, जिन्हें हर खालसा सिख को धारण करना अनिवार्य है. ये पांच चीजें हैं केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा.
6. गुरु गोबिंद सिंह केवल वीर ही नहीं थे, बल्कि कई भाषाओं संस्कृत, फारसी, पंजाबी और अरबी आदि के जानकार थे. साथ ही अच्छे लेखक भी थे. उन्होंने कई ग्रंथों की रचना की, जिन्हें आज भी सिखों के बीच बहुत ध्यान से पढ़ा जाता है.