वसंत पंचमी के दिन करें इन मंत्रो का जाप और पूजा के अंत में पढ़े ये आरती

सरस्वती पूजा के लिए विशेष मंत्रों का उपयोग करते हैं

Update: 2022-02-05 01:39 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस वर्ष वसंत पंचमी का पर्व 05 फरवरी को है. इस दिन सरस्वती पूजा (Saraswati Puja) की जाती है. मां सरस्वती को पीले फूल, पीले वस्त्र, पीले रंग की मिठाई, केसर, पीला गुलाल, सफेद चंदन आदि अर्पित करते हैं और पूजा करते हैं. इस दिन सरस्वती पूजा के लिए विशेष मंत्रों (Puja Mantra) का उपयोग करते हैं. पूजा के अंत में कपूर या घी के दीपक से माता सरस्वती की आरती (Saraswati Mata Ki Aarti) करते हैं. मां सरस्वती की कृपा से शिक्षा, कला एवं संगीत के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है. माघ शुक्ल पंचमी को मां सरस्वती का प्रकाट्य हुआ था, इसलिए इस तिथि को हर वर्ष सरस्वती पूजा करते हैं.

मां सरस्वती की आरती
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता,
सद्गुण वैभवशालिनी, त्रिभुवन विख्याता. जय सरस्वती माता…

चन्द्रवदनि, पद्मासिनि द्युति मंगलकारी,
सोहे हंस-सवारी, अतुल तेजधारी. जय सरस्वती माता…

बाएं कर में वीणा, दूजे कर माला,
शीश मुकुट-मणि सोहे, गले मोतियन माल. जय सरस्वती माता…

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देव शरण में आए, उनका उद्धार किया,
पैठी मंथरा दासी, असुर-संहार किया. जय सरस्वती माता…

वेद-ज्ञान-प्रदायिनि, बुद्धि-प्रकाश करो,
मोहाज्ञान तिमिर का सत्वर नाश करो. जय सरस्वती माता…

धूप-दीप-फल-मेवा-पूजा स्वीकार करो,
ज्ञान-चक्षु दे माता, सब गुण-ज्ञान भरो. जय सरस्वती माता…

मां सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे,
हितकारी, सुखकारी ज्ञान-भक्ति पावे. जय सरस्वती माता…

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सरस्वती पूजा मंत्र
वसंत पंचमी के दिन आप सरस्वती वंदना से पूजा कर सकते हैं. इसके अलावा माता सरस्वती के मूल मंत्र या संपूर्ण मंत्र से भी पूजा कर सकते हैं.

मूल मंत्र
ओम ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः।

संपूर्ण मंत्र
ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।

क्षमा प्रार्थना मंत्र
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्,
पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर।
मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरं,
यत्पूजितं मया देव परिपूर्ण तदस्मतु।।


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