महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को भूलकर भी न चढ़ाएं ये 5 चीजें...जाने इसके पीछे का महत्व
हिंदू धर्म में त्योहार को अलग-अलग रूप में मनाया जाता है. इसी महीने भगवान शंकर को पूजा जाने वाला महापर्व महाशिवरात्रि आने वाली है
हिंदू धर्म में त्योहार को अलग-अलग रूप में मनाया जाता है. इसी महीने भगवान शंकर को पूजा जाने वाला महापर्व महाशिवरात्रि आने वाली है. महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती से हुआ था. शिवरात्रि पर भगवान शिव की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की जाती है.
इस दिन भगवान शिव की बारात भी निकाली जाती है. इस साल महाशिवरात्रि 11 मार्च 2021 गुरुवार के दिन मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से मनुष्य की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
भगवान शिव को भूलकर भी न अर्पित करें ये 5 चीजें
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को भूलकर भी तुलसी नहीं चढ़ाना चाहिए. हालांकि, तुलसी का हर तरह की पूजा में इस्तेमाल किया जाता है. तुलसी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है लेकिन तुलसी को भगवान शिव पर नहीं चढ़ाया जाता. भगवान शिव को पूजा में केवल बेलपत्र चढ़ाना चाहिए. तुलसी माता का संबंध भगवान विष्णु से है इसलिए उन्हें तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए.
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा अगर करें तो टूटे हुए अक्षत भूल से भी न चढ़ाएं. ऐसा माना जाता है कि टूटा हुआ चावल चढ़ानापूरी तरह से अपूर्ण और अशुद्ध होता है इसलिए ये भगवान शिव को नहीं चढ़ाया जाता है.
महाशिवरात्रि के दिन शिव उपासना में शंख का इस्तेमाल करना वर्जित माना गया है. इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है. भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक असुर का वध किया था, जो भगवान विष्णु का ही भक्त था. शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है. इसलिए शिवजी की पूजा में शंख का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर को कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए. कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक होता है जबकि भगवान शंकर वैरागी हैं इसलिए शिव जी को कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए. इसके अलावा शिवलिंग पर हल्दी भी न चढ़ाएं.
महाशिवरात्रि के दिन शिव आराधना के समय शिवलिंग पर नारियल पानी से अभिषेक नहीं करना चाहिए. नारियल देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है, जिनका संबंध भगवान विष्णु से है.