Rishi Panchami ज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन ऋषि पंचमी को बहुत ही खास माना गया है जो कि सप्त ऋषियों को समर्पित दिन है इस दिन इनकी विधिवत पूजा की जाती है और व्रत आदि भी रखा जाता है यह पर्व महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद मिलता है। ऋषि पंचमी का त्योहार हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है यह पर्व गणेश चतुर्थी के अगले दिन पड़ता है।
इस पर्व को मानने के पीछे सप्त ऋषियों के प्रति श्रद्धा भाव व्यक्त किया जाता है। इस व्रत को पुरुष अपनी पत्नी के लिए भी रखते हैं। इस दिन सप्त ऋषियों जिसमें कश्यप, अत्रि, भाद्वाज, वशिष्ठ, गौतम, जमदग्नि और विश्वामित्र की पूजा की जाती है। इस साल ऋषि पंचमी का त्योहार 8 सितंबर को मनाया जाएगा। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पूजा की संपूर्ण विधि से अवगत करा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
ऋषि पंचमी पर ऐसे करें पूजा—
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऋषि पंचमी के शुभ दिन पर एक साफ स्थान पर आसन बिछाकर उस पर एक चौकी रख दें। अब चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं इसके बाद चौकी पर सप्तऋषियों का चित्र या मूर्ति स्थापित करें और एक कलश स्थापित कर उसमें गंगाजल भरें। अब कलश को आम के पत्ते और फूलों से सजाएं इसके बाद दीपक जलाकर वातावरण को पवित्र करें।
कलश से जल लेकर सप्तऋषियों को जल अर्पित करें इसके बाद धूप दीपक भी जलाएं। पूजा के समय सप्त ऋषियों को फल और मिठाई का भोग चढ़ाएं। साथ ही सप्त ऋषियों के मंत्रों का जाप कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें और भूल चूक के लिए क्षमा मांगे।