Dussehra ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन दशहरा बेहद ही खास माना जाता है जो कि शारदीय नवरात्रि के आखिरी दिन के अगले दिन मनाया जाता है दशहरे को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।
पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को देवी का विजर्सन कर विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था इसके अलावा भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का भी इस दिन अंत किया था इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के अवसर पर मनाया जाता है इस साल दशहरा पर्व 12 अक्टूबर दिन शनिवार यानी आज देशभर में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन शस्त्र पूजा करने का विधान है ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा शस्त्र पूजा की सरल विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
दशहरे पर ऐसे करें शस्त्र पूजा—
आपको बता दें कि दशहरे के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद शुभ मुहूर्त में किसी साफ स्थान पर देवी का चित्र स्थापित करें। अब देवी के चित्र के सामने या आस पास सभी अस्त्र शस्त्र रखकर इन पर गंगाजल का छिड़काव करें इन शस्त्रों पर मौली भी बांधे। इसके बाद कुमकुम से सभी पर तिलक लगाएं और धूप दीपक जलाएं।
अब देवी को मिठाई का भोग अर्पित करें। शस्त्र पूजा के दौरान आश्विनस्य सिते पक्षे दशम्यां तारकोदये। स कालो विजयो ज्ञेयः सर्वकार्यार्थसिद्धये॥ इस चमत्कारी मंत्र का विधिवत जाप करें। पूजा के बाद शस्त्रों का प्रयोग भी जरूर करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दशहरे के दिन शस्त्र पूजा करने से शोक और भय समाप्त हो जाता है साथ ही देवी विजया भी प्रसन्न होती है और विजय प्राप्ति का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।