धनतेरस पर कुंभ राशि वाले खरीदें सोने या तांबे बर्तन, सिंह वाले खरीदें कलश

धनतरेस का पर्व 22 और 23 अक्टूबर दोनों दिन मनाया जा रहा है। धनतेरस प्रदोष काल का पर्व है , इसलिए 22 अक्टूबर के दिन यह मनाया जाना शुभ है। ऐसा कहा जाता है कि धनतेरस के दिन समुद्र मंथन के समय कलश के साथ माता लक्ष्मी का अवतरण हुआ था

Update: 2022-10-21 05:39 GMT

धनतरेस का पर्व 22 और 23 अक्टूबर दोनों दिन मनाया जा रहा है। धनतेरस प्रदोष काल का पर्व है , इसलिए 22 अक्टूबर के दिन यह मनाया जाना शुभ है। ऐसा कहा जाता है कि धनतेरस के दिन समुद्र मंथन के समय कलश के साथ माता लक्ष्मी का अवतरण हुआ था, उसी के प्रतीक के रूप में ऐश्वर्य वृद्धि ,सौभाग्य वृद्धि ,धन वृद्धि के लिए बर्तन खरीदने की परम्परा प्रारम्भ हुई, यही नहीं आयुर्वेद के प्रवर्तक धन्वन्तरि महाराज के जयन्ती दिवस के आधार पर भी यह तिथि पुनीत एवं प्रचलित है ।

भगवान धन्वन्तरि का जन्म इसी दिन प्रदोष बेला अर्थात प्रदोष काल में हुआ था इसी कारण प्रदोष व्यापिनी त्रयोदशी में ही धनतेरस का अति पवित्र पर्व मनाया जाता है। इस कारण ही इस दिन स्थिर लग्न अथवा प्रदोष कालीन स्थिर लग्न में बर्तन आदि सहित कोई भी धातु खरीदना शुभफल दायक होता है । विशेषकर इस मुहूर्त्त में धातु या मिट्टी का कलश अवश्य खरीदना चाहिए । इस दिन झाड़ू आदि खरीदने की भी परंपरा है।

 

Tags:    

Similar News