शिव जी को इस तरह अर्पित कर दें काले तिल, जीवन से दुख और कष्ट हो जाएंगे नष्ट

Update: 2022-11-06 03:51 GMT

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. कहते हैं कि सप्ताह के जिस दिन प्रदोष व्रत होता है, उसे उसी के नाम से जाना जाता है. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ रहा है. इसलिए इसे शनि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा. इस दिन प्रदोष काल में भोलेनाथ की पूजा करने से भगवान शिव की कृपा बरसती है. साथ ही, शनि देव की कृपा भी मिलेगी.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कार्तिक शुक्ल की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस बार प्रदोष व्रत 5 नवंबर के दिन रखा जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार का दिन होने के कारण इस दिन भगवान शिव के साथ शनि देव की कृपा पाना भी आसान होता है. आइए जानते हैं शनि प्रदोष व्रत के दिन कुछ उपाय अपनाने से सुख समृद्धि के साथ धन-संपदा की प्राप्ति होती है. आइए जानें शनि प्रदोष के दिन कौन से कार्य किए जा सकते हैं.

शनि प्रदोष व्रत 2022 शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस बार शनि प्रदोष व्रत की तिथि 5 नवंबर शनिवार शाम 5 बजकर 06 मिनट से शुरू होकर 06 नवंबर रविवार शाम 04 बजकर 26 मिनट तक रहेगा.

शिव जी को अर्पित करें काले तिल

शनि प्रदोष व्रत के दिन विधिवत तरीके से भगवान शिव की पूजा की जाती है. साथ ही, शिवलिंग पर जलाभिषेक करें. शिव जी का जलाभिषेक करने के लिए एक लोटे में काले तिल लें और जल लेकर शिव पंचाक्षर 'ऊँ नम: शिवाय' का जाप करें. ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है.

शनि देव संबंधी उपाय

शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ शनि देव की पूजा का भी विधान है. इस दिन शनिदेव की पूजा करना लाभदायी होता है. इस दिन छाया दान करना शुभ माना गया है. इसके लिए एक कटोरी या मिट्टी के दीपक में सरसों का तेल लें और उसमें एक रुपये का सिक्का डाल दें. फिर इसमें इपना चेहरा देखें और किसी शनि मंदिर में दान कर आएं.इस दिन शाम के समय एक काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं. इससे कुंडली में शनि की साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है.


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