दीपावली में दिए जलाने से पहले नोट करें ये नियम, होगा विशेष धन लाभ

दीपावली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है 5 दिनों तक चलने वाला यह त्यौहार हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। दशहरे के बाद से ही घरों में दीपावाली की तैयारियां शुरू हो जाती है।

Update: 2022-10-03 05:06 GMT

दीपावली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है 5 दिनों तक चलने वाला यह त्यौहार हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। दशहरे के बाद से ही घरों में दीपावाली की तैयारियां शुरू हो जाती है। कहा जाता है कि दीपावाली के दिन श्री राम ,माता सीता और अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास काट कर अयोध्या वापस आएं थे। इसी खुशी में वहां के लोगों ने पूरे अयोध्या में घी के दीपक जलाएं।

दीपावली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। दीपावली को दीपों के त्योहार भी कहते है। वास्तु शास्त्र के अनुसार दीए को जलाने से पहले हमें कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ साधारण से नियमों का ध्यान रखने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है और घर में सुख- समृद्धि हमेशा बनी रहती है।

यदि आपके घर में कोई मंदिर है तो सबसे पहले दीयों को मंदिर में जला कर रखें।

दीए में गोल बाती की जगह, लंबे बाती का प्रयोग करना चाहिए। तेल में दिए जलाएं।

दीपक जलाकर जिस थाली में रखें, उसी थाली में सोने व चांदी से बने आभूषण रखना न भूलें। इससे माता लक्ष्मी बेहद प्रसन्न होती है।

मंदिर में दीया जलाने के बाद तुलसी के पौधे में दीए जलाएं। अगर आपके घर में तुलसी का पौधा ईशान कोण में स्थित है। तो ऐसे में तुलसी के पौधें में दीया जलाना काफी शुभ होगा। इससे माता अन्नपूर्णा प्रसन्न होती है और घर में कभी भी अनाज की कमी नहीं होती।


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