न करें ये गलतियां, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के व्रत में भूलकर भी व्रत का पुण्य नहीं मिलेगा

व्रत में भूलकर भी व्रत का पुण्य नहीं मिलेगा

Update: 2022-08-17 14:43 GMT

ज्योतिष: हिंदू धर्म और शास्त्रों में व्रत त्योहारों को बेहद ही महत्वपूर्ण बताया गया है कृष्ण जन्माष्टमी हर किसी के लिए खास होती है वही देशभर में जन्माष्टमी को लेकर तैयारियां जोरों शोरों से शुरू हो चुकी है मान्यता है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन भक्त भगवान की विधिवत पूजा अर्चना करते हैं और उपवास रखते हैं इस दिन व्रत पूजा से भगवान प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं जन्माष्टमी व्रत की महिमा अधिक होती है

मान्यता है जन्माष्टमी का व्रत करने वाले व्यक्ति को 20 करोड़ एकादशी व्रतों के समान फल की प्राप्ति होती है साथ ही सौ जन्मों के पापों से भी मुक्ति मिल जाती है वैसे तो ये व्रत कोई भी कर सकता है ंलेकिन शादीशुदा महिलाएं जन्माष्टमी व्रत अपने परिवार की सुख शांति और समृद्धि के लिए करती है और कुंवारी कन्याएं यह व्रत श्रीकृष्ण जैसे पति की कामना में व्रत पूजन करती है तो आज हम आपको इस व्रत से जुड़े कुछ जरूरी नियमों के बारे में बता रहे हैं जिनका पालन करना बेहद जरूरी होता है तभी व्रत पूजन का पुण्य फल भक्तों को प्राप्त होता है तो आइए जानते हैं।
जानिए व्रत से जुड़े नियम-
आपको बता दें कि जन्माष्टमी व्रत के दिन सुबह जल्द उठकर स्नान आदि करें फिर श्रीकृष्ण की आराधना करें इस दिन गीता, विष्णुपुराण, कृष्णलीला का पाठ करना बेहद ही शुभ माना जाता है व्रत वाले दिन बाल गोपाल को पंचामृत से स्नान करवाना चाहिए और उन्हें नए वस्त्र धारण कराएं। फिर कान्हा को झूला झूलाना चाहिए और चंद्रमा को जल जरूर दें। इस दिन पूजा में गलती से भी बासी या मुरझाए पुष्प का प्रयोग न करें। इस दिन कोई भी नकारात्मक विचार, क्रोध व बुरी बातों को अपने मन में ना लाएं ऐसा करना अच्छा नहीं होता है वही व्रत के एक दिन पहले से ही लहसुन, प्याज, मांसहार, शराब या तामसिक भोजन से दूरी बना लेना ही बेहतर होता है
इस दिन किसी को अपशब्द नहीं कहना चाहिए ऐसा करने से पुण्यफलों की प्राप्ति नहीं होती है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर न तो तुलसी की पत्तियां तोउ़नी चाहिए और न ही किसी पेड़ पौधे को काटना चाहिए जन्माष्टमी पूजा के लिए तुलसी दल एक दिन पहले ही तोड़ लेना चाहिए । मान्यता है कि बिना तुलसी के भगवान भोग व पूजन को स्वीकार नहीं करते हैं इसलिए भगवान की पूजा में तुलसी दल जरूर अर्पित करना चाहिए। जन्माष्टमी व्रत और पूजन में अगर सभी नियमों का पालन किया जाए तो भगवान प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा करते हैं।


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