मां दुर्गा के नौ स्वरूप और उनके मनपसंद नौ भोग

नवरात्रि में किस दिन किस चीज का भोग लगाने से मां दुर्गा प्रसन्न होकर अपने भक्तों के कष्ट दूर करती हैं

Update: 2021-10-08 09:45 GMT

 शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर 2021 से शुरू हो चुके हैं। माता के भक्त नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा (Maa Durga) के नौ अलग-अलग रूपों की विधि विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। इन नौ दिनों में पूजा के दौरान मां के अलग-अलग स्वरूप को अलग-अलग चीजों का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां अपने भक्तों पर जल्दी प्रसन्न होती हैं। आइए जानते हैं नवरात्रि में किस दिन किस चीज का भोग लगाने से मां दुर्गा प्रसन्न होकर अपने भक्तों के कष्ट दूर करती हैं

मां दुर्गा के नौ स्वरूप और उनके मनपसंद नौ भोग-

मां शैलपुत्री-

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। कहा जाता है इस दिन मां को गाय के घी का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से रोगों और हर संकट से मुक्ति मिलती है।

मां ब्रह्मचारिणी-

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। इस दिन मां के इस स्वरूप को शक्कर और पंचामृत का भोग लगाया जाता है। माना जाता है ऐसा करने से व्यक्ति को लंबी आयु का वरदान मिलता है।

मां चंद्रघंटा-

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को पूजा जाता है। इस दिन मां को दूध या मावे से बनी मिठाई का भोग लगाया जाता है। ऐसा करने से धन और वैभव की प्राप्ती होती है।

मां कूष्माण्डा-

चौथे दिन मां कूष्माण्डा की पूजा की जाती है। इस दिन मां को मालपुआ का भोग लगाने से सद्बुद्धी मिलती है।

मां स्कंदमाता-

नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इस दिन मां को केले का नैवेद्य चढ़ाना बहुत उत्तम होता है। ये नौकरी-पेशे के लिए अच्छा होता है और शारीरिक कष्ट भी दूर होते हैं।

मां कात्यायनी-

छठे दिन मां कात्यायनी का दिन होता है, इस दिन मां को मीठा पान चढ़ाया जाता है, इससे सौंदर्य बढ़ता है।

मां कालरात्रि -

नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि के रूप में पूजा जाता है। इस दिन मां को गुड़ या गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

महागौरी-

आठवें दिन महागौरी को पूजा जाता है। इस दिन मां को नारियल का भोग लगाया जाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से मन की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

मां सिद्धिदात्री –

नवरात्रि के आखिरी अर्थात 9 वें दिन मां सिद्धिदात्री को चना और हलवा का भोग लगाया जाता है। इस दिन कन्या भोज कराने का भी विधान है।

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