नवरात्रि का पारण आज इस विधि से करें कलश विसर्जन, जानें शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल को प्रतिपदा के साथ शुरू होकर आज दशमी तिथि के साथ समाप्त हो रही है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई है।

Update: 2022-04-11 03:31 GMT

चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल को प्रतिपदा के साथ शुरू होकर आज दशमी तिथि के साथ समाप्त हो रही है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई है। नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना के साथ जौ बोए जाते हैं। मान्यता है कि रोजाना इसकी विधि-पूर्वक पूजा करने के बाद दशमी तिथि को विसर्जन करना जरूरी होता है। तभी पूजा का पूर्ण फल मिलता है। जानिए पारण का सही समय और पूजा विधि।

पारण करने का सही समय

तिथि- 11 अप्रैल 2022

दशमी तिथि प्रारंभ: 11 अप्रैल सुबह 3 बजकर 15 मिनट से

दशमी तिथि समाप्त: 12 अप्रैल सुबह 04 बजकर 30 मिनट तक

सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06 बजे से 6 बजकर 51 मिनट तक

पारण का समय- सुबह 6 बजकर 38 मिनट से शुरू

नवरात्रि पारण का महत्व

शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन करना चाहिए और दशमी के दिन व्रत को खोलना शुभ होता है। दशमी तिथि को पारण करने से व्यक्ति के ऊपर मां दुर्गा का आशीर्वाद बना रहता है। हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिलने के साथ जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इसलिए दशमी तिथि को ही विधिवत तरीके से मां दुर्गा को विदा करना चाहिए।

पारण विधि

पारण कई तरह के किया जाता है। कुछ व्रती व्रत का पारण अष्टमी, नवमी के दिन कर देते हैं। लेकिन शास्त्रों के अनुसार दशमी तिथि ही सर्वोत्तम मानी जाती है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद मां दुर्गा की पूजा कर लें और आपके द्वारा भूल चूक की माफी मांग लें। अगर नवमी के दिन हवन हो गया है तो उस हवन सामग्री के साथ जौ, मिट्टी और पूजा संबंधी सभी सामग्री को बहते जल में प्रवाहित कर दें।

वहीं कलश के पानी को पूरे घर में आम के पत्ते की मदद से छिड़क देना चाहिए। इससे घर का वातावरण शुद्ध होने के साथ नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है, साथ ही इस जल को घर केहर सदस्य के ऊपर छिड़क देना चाहिए। इससे सभी रोगों से मुक्ति मिलेगी। इसके बाद बचे पानी को पेड़-पौधों में डाल देना चाहिए।


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