Navratri 2020: ज्योतिषविदों के अनुसार जानें अष्टमी और नवमी का व्रत और पूजन कब है उत्तम समय

शारदीय नवरात्र मे श्रद्धालु श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ व्रत रखकर मां जगदंबा के दिव्य स्वरूपों की भक्ति भाव से आराधना कर रहे हैं।

Update: 2020-10-22 11:54 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| शारदीय नवरात्र मे श्रद्धालु श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ व्रत रखकर मां जगदंबा के दिव्य स्वरूपों की भक्ति भाव से आराधना कर रहे हैं। इस बार शुक्रवार को सप्तमी और शनिवार को अष्टमी पूजन होगा। कुछ लोगों में इस बार अष्टमी और नवमी की तिथियों को लेकर लोगों में भ्रम के हालात बन रहे हैं। अधिकांश पुजारी और ज्योतिष विधाओं का मत है कि सूर्योदिनी तिथि से ही नवरात्र का शुभारंभ हुआ है। ऐसे में अष्टमी शनिवार को ही होगी। जबकि शुक्रवार को सप्तमी मनाई जाएगी।

विद्वान, पुजारी और ज्योतिषियों का मत है कि सूर्योदय के 24 मिनट बाद तक जो तिथि रहती है उसे ही सूर्योदिनी तिथि माना जाता है और इसे ही पूरे दिन प्रभावी मानते हैं। दूसरी ओर यज्ञ में वही तिथि मानी जाती है जो पूरे दिन प्रभावी हो।

ज्योतिषविद विभोर इन्दुसुत कहते हैं कि असल में 24 अक्टूबर शनिवार के दिन सुबह 6 बजकर 58 मिनट तक अष्टमी तिथि होने के कारण उदय तिथि तो अष्टमी रहेगी इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी जो 25 अक्टूबर की सुबह 7:41 तक उपस्थित रहेगी। ऐसे में अष्टमी का कन्या पूजन तो 24 अक्टूबर शनिवार को करना ही श्रेष्ठ होगा।

ज्योतिषविद भारत ज्ञान भूषण कहते हैं कि सूर्योदिनी तिथि के अनुसार शनिवार को ही अष्टमी पूजन हितकर है। दूसरी ओर आचार्य महेश तिवारी कहते हैं कि निर्णयसिन्धु व श्रीमदभागवत के अनुसार कन्या पूजन से पहले यज्ञ किया जाता है। ऐसे में शुक्रवार को अष्टमी का कन्या पूजन किया जाना चाहिए। पंडित विनोद त्रिपाठी बताते है कि सुबह 6:59 तक अष्टमी समाप्त हो जाएगी ऐसे में शुक्रवार को ही अष्टमी पूजन के योग हैं।

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