Nautapa 2021 : जानें कब से शुरू हो रहा है नौतपा, इसका महत्व और विज्ञान
जानें क्या है नौतपा और कब से शुरू हो रहा है सूर्य गोचर
नौतपा यानी कि सूर्य जब नौ दिनों तक सर्वोच्च ताप में हों। इन नौ दिनों तक मौसम का मिजाज काफी तल्ख होता है। गर्मी चरम पर होती है। यही वजह है कि इन नौ दिनों को नौतपा के नाम से जाना जाता है। इस बार नौतपा 25 मई से शुरू होगा। इस दिन सूर्य सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। सूर्य इस नक्षत्र में 8 जून की सुबह 6 बजकर 40 मिनट तक रहेंगे। तो आइए जानते हैं कि नौतपा इतना महत्वपूर्ण क्यों है, इसका महत्व क्या है और इसे लेकर क्या कहता है वैज्ञानिक दृष्टिकोण?
सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में परिभ्रमण काल
ऐस्ट्रॉलजर और वास्तु एक्सपर्ट सचिन मेहरा बताते हैं कि सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में परिभ्रमण काल 14 दिनों का है। इस काल के शुरू के नौ दिनों को नौतपा कहते हैं। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार इस बार नौतपा के शुरुआती छह दिनों में गर्मी के साथ ही उमस भी खूब होगी। वहीं जब नौतपा समापन की ओर होगा तब अंतिम के तीन दिन हवाएं तेज चलेंगी। कहीं-कहीं मध्यम बारिश के भी आसार हैं तो कहीं बौछारे भी पड़ सकती हैं।
इसलिए महत्वपूर्ण है नौतपा
सनातन धर्म में सूर्य देवता का विशेष स्थान है। नौतपा का वर्णन श्रीमद्भागवत में भी किया गया है। ऐसी मान्यता है कि जब ज्योतिष की रचना हुई तबसे ही नौतपा भी चला आ रहा है। सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में होकर वृषभ राशि के 10 से 20 अंश तक रहते हैं तब नौतपा होता है। इस नक्षत्र में सूर्य करीब 14 दिनों तक मौजूद रहेंगे। लेकिन शुरुआती 9 दिनों में काफी गर्मी होती है। यही वजह है कि इन दिनों को नौतपा कहते हैं।
नौतपा को लेकर जानें वैज्ञानिक दृष्टिकोण
नौतपा को लेकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण कहता है कि इस दौरान सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी पड़ती हैं। इसके चलते पृथ्वी पर तापमान बढ़ जाता है। नौतपा के दौरान अधिक गर्मी के चलते मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है और समुद्र की लहरें आकर्षित होती हैं और इससे अच्छी बारिश होती है।