विघ्नहर्ता को प्रसन्न करने के लिए जरूर करें गणेश स्तोत्र पाठ

भगवान गणेश जी की प्रथम पूजनीय देवता के रूप में पूजा की जाती है. भगवान श्री गणेश जी की पूजा करने से हर संकटों से मुक्ति मिलती है,

Update: 2022-08-29 08:35 GMT

भगवान गणेश जी की प्रथम पूजनीय देवता के रूप में पूजा की जाती है. भगवान श्री गणेश जी की पूजा करने से हर संकटों से मुक्ति मिलती है, इसलिए श्री गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. श्री गणेश को विनायक, गणपति, विघ्नेश्वर, लंबोदर के नाम से भी जाना जाता है. गणपति महाराज को शुभ, बुद्धि, सुख और समृद्धि का देवता भी कहा जाता है. बिना गणेश पूजन के कोई शुभ कार्य पूर्ण नहीं होता है, इसलिए भगवान गणेश की पूजा सच्ची श्रद्धा से करनी चाहिए.

दूर होती है हर बाधा
पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि गणेश जी की मंत्र उच्चारण के साथ पूजा करने से विद्या, धन, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. भक्त की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. गणेश स्तोत्र का पाठ करने से हर बाधा दूर हो जाती है. सभी तरह के संकट दूर होते हैं. व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करके गणेश स्तोत्र का पाठ करना चाहिए.
यह है गणेश स्तोत्र पाठ
प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम् ।
भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये ॥1॥
प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम् ।
तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम् ॥2॥
लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च ।
सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम् ॥3॥
नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम् ।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजानन् ॥4॥
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंघ्यंयः पठेन्नरः ।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो ॥5॥
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मो क्षार्थी लभते गतिम् ॥6॥
जपेद्णपतिस्तोत्रं षडिभर्मासैः फलं लभते ।
संवत्सरेण सिद्धिंच लभते नात्र संशयः ॥7॥

अष्टभ्यो ब्राह्मणे भ्यश्र्च लिखित्वा फलं लभते ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः ॥8॥
॥ इति श्री नारद पुराणे संकष्टनाशनं नाम श्री गणपति स्तोत्रं संपूर्णम् ॥
गणेश जी के ये 10 नाम लेने मात्र से दूर होंगे सारे कष्ट
ॐ गणाधिपाय नमः
ॐ उमापुत्राय नमः
ॐ विघ्ननाशनाय नमः
ॐ विनायकाय नमः
ॐ ईशपुत्राय नमः
ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः
ॐ एकदन्ताय नमः
ॐ इभवक्त्राय नमः
ॐ मूषकवाहनाय नमः
ॐ कुमारगुरवे नमः



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