जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शास्त्रों में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित माना गया है. गुरुवार का दिन गुरू बृहस्पति के अलावा जगत के पालनहार भगवान विष्णु का समर्पित है. अगर हर गुरुवार के दिन व्यक्ति कुछ उपाय कर ले तो उसे नारायण की कृपा मिलती है, साथ ही कुंडली में गुरू की स्थिति बेहतर होती है. यदि गुरू मजबूत हो तो व्यक्ति बहुत तेजी से कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ता है. उसकी आंखों में चमक और चेहरे पर तेज होता है.
ऐसे लोग विनम्र स्वभाव वाले होते हैं और जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. गुरू प्रबल होने पर व्यक्ति को खूब ख्याति प्राप्त होती है और वैवाहिक संबन्ध सुखमय होते हैं. यहां जानिए गुरुवार के दिन किए जाने वाले ऐसे 4 उपायों के बारे में जो आपके जीवन को खुशहाल बनाते हैं. आपकी सफलता के बीच आ रही हर बाधा को दूर करते हैं.
1. पानी में हल्दी डालकर स्नान करें
गुरुवार के दिन सुबह जल्दी उठकर दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होने के बाद स्नान करें. स्नान के दौरान चुटकी भर हल्दी को पानी में जरूर डाल लें और स्नान से पहले पांच बार ओम नमो भगवते वासु देवाय या ओम बृं बृहस्पतये नम: मंत्र बोलें और फिर स्नान करें.
2. विष्णु भगवान और लक्ष्मी की पूजा
गुरुवार का दिन जरूर नारायण का होता है, लेकिन उनकी पूजा हमेशा माता लक्ष्मी के साथ की जानी चाहिए. स्नान के बाद नारायण और माता लक्ष्मी की फोटो के सामने घी का दीपक जलाएं. उन्हें गुड़ चने का भोग लगाएं, पीले पुष्प अर्पित करें और बृहस्पति की कथा का पाठ करें. इससे परिवार में धन की कमी नहीं होती. पति—पत्नी के रिश्ते अच्छे होते हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है.
3. चने की दाल दान करें
गुरुवार के दिन नारायण के मंदिर में जाकर भगवान के सामने केसर और चने की दाल रखें. फिर इसे किसी गरीब को दान कर दें. इसके अलावा गाय को आटे की लोई में चने की दाल और गुड़, हल्दी डालकर खिलाएं. इससे श्रीहरि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्यक्ति की तरक्की के मार्ग खुलते हैं.
4. गुरू पर्वत वाले स्थान पर हल्दी लगाएं
तर्जनी उंगली के ठीक नीचे और हथेली बाएं कोने वाले स्थान को हस्तकला में गुरू बृहस्पति का स्थान माना जाता है. हर गुरुवार को पूजा के दौरान इस स्थान पर हल्दी लगाएं और मन में ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)