शनिवार को जरूर करें इन आसान मंत्रों का जाप...आप पर बनी रहेगी शनि देव की कृपा
शनिदेव न्याय और दण्ड के देवता हैं, वो व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुरूप फल प्रदान करते हैं। इस कारण ही सामन्यजन में शनिदेव के प्रति भय की धारणा बनी रहती है।
शनिदेव न्याय और दण्ड के देवता हैं, वो व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुरूप फल प्रदान करते हैं। इस कारण ही सामन्यजन में शनिदेव के प्रति भय की धारणा बनी रहती है। जबकि शनिदेव अच्छे कर्मों का अच्छा और बुरे कर्मों का बुरा परिणाम प्रदान करते हैं। ज्योतिष गणना के हिसाब से इस माह 11 अक्टूबर से शनि ग्रह की चाल वक्री से मार्गी हो रही है। जिसका प्रत्यक्ष लाभ उन राशियों को मिलेगा जिन पर शनि की साढ़े साती या ढैय्या आदि महादशा चल रही है। कल शनि की वक्री चाल का आखिरी शनिवार है इस शनिवार पर शनिदेव के इन मंत्रों का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से शनि अपनी मार्गी चाल में आपके लिए लाभप्रद हो सकते हैं। शनि देव के मंत्रों का जाप करने के लिए कुशा के आसन पर बैठ कर, रूद्राक्ष की माला से इन मंत्रों का जाप करें। शनि की महादशाएं आपके लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करेंगी.....