ऐसे घरों में खुद आती हैं मां लक्ष्मी जानिए नियम

धन इंसान की मूलभूत आवश्यकता है. कलयुग में धन के बिना स्वच्छ हवा पाना भी मुश्किल है

Update: 2021-12-21 06:44 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |    धन इंसान की मूलभूत आवश्यकता है. कलयुग में धन के बिना स्वच्छ हवा पाना भी मुश्किल है. धन की कमी को दूर करने के लिए देवी लक्ष्मी की उपासना करने के लिए कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है. कहते हैं कि जहां लक्ष्मी का वास होता है, वहां धन की कोई कमी नहीं रहती. इसके अलावा जिस इंसान पर लक्ष्मी की कृपा होती है उसके जीवन में धन-वैभव की कमी नहीं होती है. लक्ष्मी किन-किन जगहों पर रहतीं हैं इसके बारे में चाणक्य ने अपनी नीति में बताया है. चाणक्य नीति के मुताबिक जानते हैं कि लक्ष्मी किस स्थान या घर में खुद चलकर आतीं हैं.

मूर्खा: यत्र न पूज्यंते धान्यं यत्र सुसंचितम्।
दाम्पत्यो: कलहो नास्ति तत्र श्री स्वयमागता।।
इन 3 जगहों पर नहीं रहतीं लक्ष्मी
यह चाणक्य नीति नामक पुस्तक के तीसरे अध्याय का 21वां श्लोक है. इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य करते हैं कि जिस जगह पर मूर्खों का सम्मान न हो वहां लक्ष्मी खुद चलकर आती हैं. इसके साथ ही जिस घर में अन्न के भंडार भरा हुआ रहता है, वहां भी मां लक्ष्मी का स्वयं आगमन होता है. चाणक्य के अनुसार जिस घर में कभी भी पति-पत्नी के बीच कलह नहीं होता है, उस घर में धन की देवी लक्ष्मी खुद आतीं हैं. इतना ही नहीं ऐसी जगहों को मां लक्ष्मी सुख और समृद्धि से भर देतीं हैं.
मूर्खों की संगत से बचें
इसके विपरीत जहां मूर्खों सम्मान किया जाता है. उस स्थान पर देवी लक्ष्मी का वास नहीं होता है. साथ ही जिस जगह पर धन और अन्न का अपमान होता है, उस जगह पर लक्ष्मी क्षण भर भी नहीं रहतीं हैं. इसके अलावा जिस घर में पति-पत्नी हमेशा लड़ते और झगड़ते रहते हैं, उस घर में देवी लक्ष्मी कभी नहीं रुकती हैं.
घर-परिवार में हमेशा रखें प्रेम
चाणक्य नीति के मुताबिक हर इंसान को मूर्खों की संगति से बचना चाहिए. साथ ही अन्न और धन की बर्बादी नहीं करनी चाहिए. घर-परिवार में हमेशा प्रेम बनाए रखना चाहिए. तभी मां लक्ष्मी की कृपा से इंसान का जीवन सुखी और वैभव संपन्न रहता है.


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